नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने केंद्र और सभी राज्यों को कुष्ठ रोग को जड़ से समाप्त करने और इससे पीड़ित लोगों के पुनर्वास के निर्देश दिए। न्यायालय ने केंद्र से कहा कि वह कुष्ठ रोगियों को विकलांगता प्रमाणपत्र प्रदान करने के लिए अलग से नियम बनाने पर विचार करे ताकि वे आरक्षण का लाभ उठा पाएं।
न्यायालय ने कहा कि निजी एवं सरकारी अस्पतालों में चिकित्सीय स्टाफ को संवेदनशील बनाया जाए ताकि कुष्ठ रोगियों को भेदभाव का सामना नहीं करना पड़े। कोर्ट ने कहा कि कुष्ठ रोगी अलग-थलग नहीं पडे़ं और सामान्य वैवाहिक जीवन जी सकें इसके लिए जागरुकता अभियान चलाया जाना चाहिए।
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