सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने सीवीसी की रिपोर्ट पर अपना जवाब सीलबंद लिफाफे में न्यायालय में दाखिल कर दिया है। इससे पहले वर्मा ने जवाब तैयार नहीं होने के चलते अदालत से अधिक समय मांगा था। लेकिन कोर्ट ने इससे इनकार करते हुए अपना जवाब 3 घंटे में दाखिल करने को कहा था। सुप्रीमकोर्ट ने कहा था कि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों से संबंधित सीवीसी की रिपोर्ट पर वर्मा 4 बजे तक अपना बयान दर्ज कर दें।
आज इस मामले पर मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच को वर्मा के वकील गोपाल शंकरनारायनन ने बताया था कि वर्मा अभी तक अपना जवाब दाखिल नहीं कर पाए हैं। ऐसे में उन्हें अधिक समय की जरूरत है। इसके जवाब में बेंच ने कहा कि हम सुनवाई की तारीखें बदलने नहीं जा रहे हैं। आप जितना जल्दी हो सके अपना जवाद दाखिल करें। हमें जवाब पढ़ना भी है।
शीर्ष अदालत ने सीबीआई निदेशक के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर सीवीसी की प्रारंभिक रिपोर्ट पर 16 नवंबर को आलोक वर्मा को सीलबंद लिफाफे में सोमवार तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। इससे पहले, 16 नवंबर को न्यायालय ने कहा था कि सीवीसी ने अपनी जांच रिपोर्ट में कुछ ‘बहुत ही प्रतिकूल’ टिप्पणियां की हैं और वह कुछ आरोपों की आगे जांच करना चाहता है, इसके लिऐ उसे और समय चाहिए। न्यायालय ने सीबीआई प्रमुख आलोक वर्मा के सभी अधिकार वापस लेने और उन्हें अवकाश पर भेजने के सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली वर्मा की याचिका पर सुनवाई के दौरान पिछले शुक्रवार को यह निर्देश दिया था।
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