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Hindi News भारत राष्ट्रीय मणिपुर फेक एनकाउंटर केस: कोर्ट ने जजों को अलग करने की पुलिस की याचिका खारिज की

मणिपुर फेक एनकाउंटर केस: कोर्ट ने जजों को अलग करने की पुलिस की याचिका खारिज की

जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस यू यू ललित की पीठ ने कहा कि SIT और इन मामलों में की जा रही जांच पर इन पुलिसकर्मियों के संदेह करने का कोई कारण नहीं है।

SC dismisses plea seeking recusal of judges of bench in Manipur fake encounter cases- India TV Hindi SC dismisses plea seeking recusal of judges of bench in Manipur fake encounter cases | PTI 

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मणिपुर के कुछ पुलिसकर्मियों की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें मणिपुर फर्जी मुठभेड़ मामले की सुनवाई कर रहे जजों को इससे अलग होने का अनुरोध किया गया था। इन फर्जी मुठभेड़ मामलों की जांच सीबीआई का विशेष जांच दल (SIT) कर रहा है। जस्टिस मदन बी लोकुर और जस्टिस यू यू ललित की पीठ ने कहा कि SIT और इन मामलों में की जा रही जांच पर इन पुलिसकर्मियों के संदेह करने का कोई कारण नहीं है।

पीठ ने यह भी कहा कि न्यायपालिका और CBI की सांस्थानिक पवित्रता को अवश्य कायम रखा जाना चाहिए। याचिकाकर्ताओं ने इस मामले की सुनवाई कर रहे जजों को इससे अलग होने का अनुरोध करते हुये दायर याचिका में दावा किया था कि पीठ ने विशेष जांच दल के आरोप पत्र में शामिल कुछ आरोपियों को पहले अपनी टिप्पणी में ‘हत्यारा’ बता दिया है। केंद्र ने 28 सितंबर को मणिपुर पुलिसकर्मियों की याचिका का समर्थन किया था और सुप्रीम कोर्ट की कथित टिप्पणी को लेकर सवाल उठाया था। केंद्र ने कहा था कि यह उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में अभियान में लगे सशस्त्र बलों और सुरक्षाकर्मियों के मनोबल को ‘पूरी तरह से हिला कर रख देने वाला’ है।

हालांकि याचिकाकर्ताओ ने सरकार की दलीलों को चुनौती दी और कहा कि यह अदालत को ‘आतंकित’ करने का प्रयास है जिसे इस मामले में नहीं सुना जाना चाहिए। मणिपुर में कथित तौर पर न्यायेत्तर हत्याओं के 1,528 मामलों की जांच के लिए एक जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई के दौरान न्यायालय ने पिछले साल 14 जुलाई को एक SIT का गठन किया था और इन मामलों में प्राथमिकी दर्ज करने और जांच करने का आदेश दिया था। पीठ ने कहा था कि 30 जुलाई को सुनवाई के दौरान पीठ की मौखिक टिप्पणी किसी व्यक्ति के खिलाफ ‘रूपांकित और निर्देशित’ नहीं है क्योंकि यह CBI निदेशक के साथ अदालत में सवाल जवाब के दौरान की गई थी।

जस्टिस ललित ने 30 जुलाई को कहा था कि उन्होंने मामले में यथास्थिति के बारे में उस समय अदालत में मौजूद CBI के निदेशक से पूछा था। उस समय अदालत को बताया गया था कि SIT ने हत्या के कथित अपराधों, आपराधिक षडयंत्र और सबूत नष्ट करने को लेकर 14 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

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