नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने निर्देश दिया कि बलात्कार और यौन उत्पीड़न के पीड़ितों के नाम या उनकी पहचान का खुलासा नहीं किया जाना चाहिए। न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को निर्देश दिया है कि बलात्कार और यौन उत्पीड़न पीड़ितों की पहचान को किसी भी रूप में उजागर नहीं किया जाए।
शीर्ष अदालत ने कहा कि पुलिस बलात्कार और यौन उत्पीड़न के मामले, ऐसे मामले भी जिनमें आरोपी नाबालिग हो, उनकी प्राथमिकी सार्वजनिक नहीं करेगी। शीर्ष अदालत ने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि समाज में बलात्कार पीड़िताओं के साथ अछूतों जैसा व्यवहार होता है। SC ने कहा कि इस मानसिकता में बदलाव होना ही चाहिए।'
इसके अलावा शीर्ष अदालत ने ये भी कहा हर जिले में रेप पीड़िताओं के लिए एक वन स्टॉप सेंटर बनना चाहिए। जहां रेप से संबंधित मुद्दों का समाधान होना चाहिए और पीड़िताओं के पुनर्वास के लिए व्यवस्था होनी चाहिए।
(इनपुट- भाषा)
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