नई दिल्ली: सीबीआई विवाद में सुप्रीम कोर्ट से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता पुलिस कमिश्नर को सीबीआई के सामने पेश होने का आदेश दिया है। राजीव कुमार की ना दिल्ली, ना बंगाल बल्कि न्यूट्रल प्लेस शिलॉन्ग में पेशी होगी। कोर्ट ने कमिश्नर राजीव कुमार की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है लेकिन मतलब साफ है, पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को सीबीआई के सवालों का जवाब देना होगा।
राजीव कुमार को अब शारदा घोटाले की उस लाल डायरी का एक-एक सच बताना पड़ेगा और घोटाले के सभी किरदारों की कुंडली खोलनी होगी। ममता बनर्जी सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अपनी नैतिक जीत बता रही हैं लेकिन सच्चाई ये है कि जिस चहेते कमिश्नर को पूछताछ से बचाने के लिए ममता को धरने पर बैठना पड़ा उस कमिश्नर को अब सीबीआई के तीखे सवालों का सामना करना पड़ेगा जिससे अब तक वो बचते आए हैं।
बता दें कि अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने सीबीआई की ओर से बहस की शुरूआत की। उन्होंने शारदा चिटफंड घोटाला मामले में सबूत नष्ट करने का आरोप लगाया। अटॉनी जनरल ने आरोप लगाया कि कोलकाता पुलिस ने छेड़छाड़ किए हुए कॉल डेटा रिकॉर्ड मुहैया कराए। उन्होंने यह भी कहा कि चिटफंड घोटाले की जांच के लिए पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा गठित एसआईटी का नेतृत्व कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार कर रहे थे।
न्यायालय ने कुमार को सीबीआई के समक्ष स्वयं को उपलब्ध कराने और शारदा घोटाला जांच में सहयोग करने का आदेश दिया। कुमार की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने आरोप लगाया कि सीबीआई ने अपने नंबर बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया। याचिकाओं में कोलकाता पुलिस प्रमुख पर मामले संबंधी सबूत नष्ट करने का आरोप लगाया गया है।
याचिकाओं में कहा गया है कि कोलकाता में एक राजनीतिक दल के साथ पश्चिम बंगाल पुलिस के अधिकारी धरने पर बैठे हैं जिससे असाधारण स्थिति पैदा हो गई है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी रविवार से धरने पर बैठी हैं।
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