नयी दिल्ली: तीन कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसान संगठनों के बीच जारी गतिरोध के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट द्वारा पिछले दिनों गठित की गई समिति की पहली बैठक मंगलवार को होगी। समिति के सदस्य अनिल घनवट ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया, ‘‘हम कल बैठक करेंगे। इसमें सिर्फ समिति के सदस्य शामिल होंगे। हम वार्ता से संबंधित बिन्दुओं को लेकर आपसी चर्चा करेंगे और फिर आगे की कार्रवाई तय करेंगे।’’ सुप्रीम कोर्ट ने 11 जनवरी को अगले आदेश तक तीनों कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगा दी थी। इन कानूनों के खिलाफ किसान संगठन लगभग 50 दिनों से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
इसे लेकर किसान संगठनों और सरकार के बीच जारी गतिरोध को खत्म करने के मकसद से सुप्रीम कोर्ट ने चार सदस्यीय समिति का गठन किया था। शीर्ष अदालत ने घनवट के अलावा भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह मान, कृषि-अर्थशास्त्रियों अशोक गुलाटी और प्रमोद कुमार जोशी को इस समिति का सदस्य बनाया है। मान ने हालांकि खुद को इस समिति से अलग कर लिया है।
समिति कृषि कानूनों का समर्थन करने वाले और विरोध करने वाले किसानों का पक्ष सुनकर दो महीने के भीतर शीर्ष अदालत को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। गौरतलब है कि समिति बनाएं जाने के फैसले के बाद किसान नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। किसान नेता ने कहा था कि हमारा आंदोलन अनिश्चितकालीन जारी रहेगा। हमें सुप्रीम कोर्ट की समिति मंजूर नहीं है। हम सुप्रीम कोर्ट की बनाई समिति के सामने पेश नहीं होंगे।
उन्होनें कहा कि समिति के सदस्य सरकार के समर्थक है। वह किसान आंदोलन को लेकर सरकार के समर्थन में बात करते रहे है। किसान नेता ने कहा कि अगर समिति के सदस्य बदल भी जाएं तो भी हम समिति के सामने पेश नही होंगे। किसान नेता ने कहा कि 26 जनवरी को हमारा होने वाला आंदोलन ऐतिहासिक होगा। हम इस आदंलोन के बारे में और जनकारी देंगे।
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