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Hindi News भारत राष्ट्रीय शनिवार को शाहीन बाग नहीं जाएंगे वार्ताकार, तीसरे दिन की बातचीत में भी नहीं बनी बात

शनिवार को शाहीन बाग नहीं जाएंगे वार्ताकार, तीसरे दिन की बातचीत में भी नहीं बनी बात

शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए वार्ताकार शनिवार को प्रदर्शनस्थल पर नहीं जाएंगे। अगर वार्ताकारों को जरूरत महसूस हुई तो वो रविवार को प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए जाएंगे।

Shaheen bagh- India TV Hindi Image Source : PTI Supreme Court appointed interlocutors - advocates Sanjay Hedge and Sadhana Ramachandran during their visit to Shaheen Bagh to initiate talks with the protesters demonstrating against Citizenship (Amendment) Act and National Register of Citizens (NRC).

नई दिल्ली। शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए वार्ताकार शनिवार को प्रदर्शनस्थल पर नहीं जाएंगे। अगर वार्ताकारों को जरूरत महसूस हुई तो  वो रविवार को प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने के लिए जाएंगे। शाहीनबाग में तीसरे दिन वार्ताकार और प्रदर्शनकारियों की बातचीत में सुरक्षा का मुद्दा अहम रहा है और जब सुरक्षा को लेकर बात रखी गई तो प्रदर्शनकारियों ने कहा कि दिल्ली पुलिस लिखित में आश्वासन दे।

उन्होंने कहा कि सुरक्षा को लेकर हमें भरोसा नहीं है और अगर कुछ घटना होती है तो कमिश्नर से लेकर बीट कॉन्स्टेबल को जिम्मेदार माना जाए और बर्खास्त किया जाए। साधना रामचंद्रन ने कहा, "एक बात बतायें दूसरी तरफ की सड़क किसने घेरी है?" तो प्रदर्शनकारियों की तरफ से आवाज आई हमने नहीं घेरी। इसके बाद वार्ताकार रामचंद्रन ने कहा कि अच्छा आप ये कहना चाहती हैं कि सड़क पुलिस ने घेरी है आपने नहीं!

इसके बाद एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि जब पुलिस ने सड़क ही आगे से बंद कर रखी है तो हमने इसे फिर अपनी सुरक्षा की वजह से बंद कर दी। वार्ताकार साधना ने अपनी बात तो आगे बढ़ाते हुए कहा कि अगर पुलिस के द्वारा बंद रास्ते खुल जाएंगे तो क्या रास्ते की दिक्कतें खत्म हो जाएगी? तो प्रदर्शनकारियों की तरफ से कहा गया कि पुलिस द्वारा बंद रास्ते खुलते हैं तो रास्ते का समाधान निकल जाएगा।

वार्ताकारों ने प्रशासन के अधिकारियों को सबके सामने बुलाया और प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा की बात पूछी जिसके बाद प्रशासन की तरफ से कहा गया कि हम प्रदर्शनकारियों को सुरक्षा देंगे अगर एक रोड खुलता है तो साथ ही हम बेरिकेडिंग लगा देंगे और पुलिस के जवानों को भी खड़ा करेंगे। एक महिला प्रदर्शनकारी ने कहा कि जब पुलिस की मौजूदगी में गोली चल सकती है तो बाद में क्या होगा? हमें पुलिस पर भरोसा नहीं। उसके बाद प्रदर्शनकारी ने अपनी बात को आगे रखते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस लिखित में हमें आश्वाशन दे कि सुरक्षा मिलेगी और अगर यहां किसी तरह की कोई घटना होती है तो कमिश्नर, डीसीपी, एसएचओ और बीट कॉन्स्टेबल जिम्मेदार हो।

शाहीनबाग में प्रदर्शनकारियों से वातार्कार रामचंद्रन ने सवाल पूछते हुए कहा कि क्या आप मानते हैं कि हम सब नागरिक हैं और क्या आप मानते हैं कि संविधान में हम सबका हक है तो फिर हल भी हम सबको मिलकर निकालना चाहिए। उन्होंने आगे सवाल करते हुए पूछा कि क्या यह रास्ता खुलना नहीं चाहिए? आपकी आवाज भी बुलंद और बरकरार रहनी चाहिए। एक छोटा सा हल हमें निकालना है कि रोड भी खुल जाए जिससे लोग रोड इस्तमाल कर सकें।

इनपुट- IANS

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