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Hindi News भारत राष्ट्रीय सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने नए कृषि कानूनों को लेकर 8 राज्यों के 10 किसान संगठनों से बात की

सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने नए कृषि कानूनों को लेकर 8 राज्यों के 10 किसान संगठनों से बात की

नए कृषि कानूनों पर विमर्श के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी ने गुरुवार को देश के 8 राज्यों के 10 किसान संगठनों से बातचीत कर कानून के संबंध में उनकी राय ली।

Supreme Court Committee, Supreme Court Committee Farmers, Farmers Agitation- India TV Hindi Image Source : PTI नए कृषि कानूनों पर विमर्श के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी ने देश के 8 राज्यों के 10 किसान संगठनों से बातचीत की।

नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों पर विमर्श के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी ने गुरुवार को देश के 8 राज्यों के 10 किसान संगठनों से बातचीत कर कानून के संबंध में उनकी राय ली। कमेटी की ओर से जारी एक बयान में बताया गया कि विभिन्न किसान संघों और कृषक संगठनों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत की गई। इस परिचर्चा में समिति के सदस्यों के साथ कर्नाटक, केरल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना, तमिलनाडु एवं उत्तर प्रदेश के 10 किसान संगठनों ने हिस्सा लिया। चर्चा के दौरान कमेटी के सदस्य अनिल घनवट, डॉ. अशोक गुलाटी और डॉ. प्रमोद जोशी ने किसान नेताओं से सभी तीनों कानूनों पर खुले मन से चर्चा करने का आग्रह किया।

57 दिनों से चल रहा है किसानों का आंदोलन
केंद्र सरकार द्वारा पिछले साल सितंबर में 3 कृषि कानून लागू किए गए थे, जिनमें कृषक उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) अधिनियम 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और किसान सेवा पर करार अधिनियम 2020 एवं आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम 2020 शामिल हैं। इन तीनों कानूनों के विरोध में देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर 57 दिन से चल रहे किसानों के आंदोलन के बीच तीनों कानूनों और किसान आंदोलन से संबद्ध याचिकाओं पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इन कानूनों के अमल पर रोक लगा दी है और मसले के समाधान के लिए विशेषज्ञों की एक कमेटी गठित कर दी है।

मान के इस्तीफे के बाद कमेटी में 3 सदस्य
कमेटी में पहले 4 सदस्यों को नामित किया गया था, लेकिन एक सदस्य भूपिंदर सिंह मान ने खुद को कमेटी से अलग कर लिया, जिसके बाद अब कमेटी में 3 सदस्य हैं। कमेटी के सदस्य डॉ. प्रमोद जोशी ने गुरुवार की बैठक के बाद बताया कि कमेटी देशभर के किसान संगठनों से बात करेगी और उन्हें बारी-बारी से बुलाया जा रहा है। कमेटी ने बताया कि किसान संगठनों ने परिचर्चा में भाग लिया और अधिनियमों के क्रियान्वयन को बेहतर बनाने के सुझावों सहित खुले मन से अपने विचार रखे। बता दें कि नए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग करने वाले करीब 40 किसान संगठनों में से 32 संगठन पंजाब के ही हैं। हालांकि, गुरुवार को कमेटी से बातचीत करने वाले किसान संगठनों में पंजाब का एक भी संगठन शामिल नहीं था।

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