गुवाहाटी। एक प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन के तीन उग्रवादियों ने असम के तिनसुकिया जिले में पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। पुलिस महानिदेशक डॉ कुलाधार साइकिया ने यहां संवाददाताओं को बताया कि गिरफ्तार किए गए उग्रवादियों में से एक उग्रवादी बोरडुमसा पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी भास्कर कलीता की हत्या में शामिल था।
ऐसी सूचना मिली थी कि यूएलएफए-आई के सदस्यों ने ऊपरी असम में खास गतिविधियों को अंजाम देने के लिए भारत-म्यांमा सीमा पार की है। सूचना के आधार पर असम पुलिस, सेना तथा सीआरपीएफ के दल ने मंगलवार को तरानी रिजर्व फॉरेस्ट में एक अभियान चलाया था। पुलिस अधिकारी ने बुधवार को बताया, ‘‘सुरक्षा बलों ने उग्रवादियों को हथियार छोड़ने के लिए समझाया। इसके बाद उल्फा-आई के उग्रवादियों ने हथियार और गोला बारूद के जखीरे सहित आत्मसमर्पण कर दिया।’’
उग्रवादियों ने एके-81, एके-56 और एचके-33 राइफलें, नौ मैगजीन, दो हथगोले और 425 गोलियां भी पुलिस को सौंपीं। तीनों उग्रवादियों की पहचान बुलबुल मोरन उर्फ टाइगर असोम, बिनंदा दोहुतिया उर्फ स्वदेश असोम तथा चंद्रकांता बोरगोहाईं उर्फ तिपांग असोम के रूप में की गई है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि तिनसुकिया के पुलिस अधीक्षक ने उन्हें बुधवार को बताया कि मोरान पुलिस अधिकारी कलीता की हत्या में कथित तौर पर शामिल था।
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