नई दिल्ली। विशाखापट्टनम के आरएस वेंकटपुरम गांव में एलजी पॉलिमर इंडस्ट्री प्लांट में जिस गैस के लीक होने से करीब 7 लोगों की मौत हुई है उसका नाम स्टीरीन गैस है। दरअसल, स्टीरीन गैस का इंडस्ट्रियल इस्तेमाल किया जाता है, इस गैस का इस्तेमाल प्लास्टिक की चीजों को बनाने में किया जाता है। गौरतलब है कि स्टीरीन गैस ऑक्सीजन के साथ आसानी से घुलने वाली गैस है। इसके संपर्क में आने से फेफड़ों पर बुरा असर पड़ता है, आंखों में तेज जलन, सीने में तकलीफ की शिकायत, दिमाग और रीड़ की हड्डियों पर असर पड़ता है, ज्यादा समय के लिए शरीर में गैस रहे तो लीवर पर भी प्रभाव पड़ता है। स्टीरीन हवा के साथ मिलकर जहरीली गैस में बदल जाती है, यह दिमाग और स्पाइन पर असर करती है।
बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस के चलते देशव्यापी लॉकडाउन 3.0 की रिलेक्शेशन के बाद फैक्ट्री को खोलने की अनुमति मिली थी। फैक्ट्री ऑपरेशनल थी और इसी दौरान यह हादसा हुआ। जितने भी लोगों से बात हुई उन्हें बताया कि फैक्ट्री ऑपरेशनल थी। पास के गांव के 3000 लोगों को निकाला गया, 170 लोग गांव के ऐसे हैं जिनको भर्ती कराया गया है। अन्य पास के गांवों से भी लोगों को निकाला जा रहा है। निजी अस्पतालों को खोलने के लिए गया है ताकि जल्द से जल्द लोगों के पास उपचार पहुंच सके।
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