नयी दिल्ली: अटलांटिक महासागर में तेज आंधी आने से दस हजार किलोमीटर से भी ज्यादा दूर हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी में शक्तिशाली लहरें बन रही हैं। इसके मद्देनजर सरकार ने एक हफ्ते से कई राज्यों को अलर्ट भेजा है। अटलांटिक की इन आंधियों से यहां उच्च ऊर्जा वालीं 2 से 3 मीटर ऊंची लहरें आ सकती हैं जो खतरनाक हो सकती हैं। बहरहाल , विशेषज्ञों का कहना है कि इन लहरों से जान - माल का खतरा नहीं है।
पृथ्वी विज्ञान की इकाई भारतीय राष्ट्रीय समुद्री सूचना सेवा केन्द्र ( आईएनसीओआईएस ) ने कई राज्यों को विशाल लहरों के आने का अलर्ट जारी किया है। इनमें कर्नाटक , तमिलनाडु , आंध्र प्रदेश , पश्चिम बंगाल , ओडिशा के साथ ही अंडमान - निकोबार द्वीपसमूह और लक्षद्वीप जलडमरूमध्य शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि गोवा , महाराष्ट्र और गुजरात के तटों को भी अलर्ट जारी किया गया है। केरल और तमिलनाडु में इन विशाल लहरों से बस्तियों को नुकसान होने के अंदेशे के तहत अपना घर - बार छोड़ने वाले लोगों के लिए राहत शिविर स्थापित किए गए हैं।
केरल में सरकारी अधिकारियों ने बताया कि विशाल लहरों और समुद्री क्षरण के चलते 394 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए। सबसे ज्यादा नुकसान तिरूवनंतपुरम में हुआ। केरल में 9 राहत शिविर स्थापित किए गए। तमिलनाडु के कन्याकुमारी में 6 राहत शिविर चलाए जा रहे थे। अब तीन चल रहे हैं। आईएनसीओआईएस के निदेशक एसएससी शिनोय ने इन लहरों के बारे में बताया, ‘‘ ये लहरें दक्षिण अटलांटिक महासागर से हजारों किलोमीटर का सफर तय कर हिंद महासागर पहुंचीं और इन्होंने अरब सागर तथा बंगाल की खाड़ी में प्रवेश किया। शक्तिशाली ये लहरें लंबी दूरियां तय कर सकती हैं और तट पर पहुंचने के क्रम में ज्यादा ताकतवर बन जाती हैं।
उन्होंने बताया कि औसतन ऐसी लहरें दो से तीन मीटर तक ऊपर उठती हैं। ये खतरनाक होती हैं क्योंकि ये तटों को लांघ सकती हैं। सामान्य लहरें 4 से 10 सेकंड के समयकाल में तट से टकराती हैं। उसके बरखिलाफ ये लहरें तकरीबन 22 सेकंड के समयकाल में टकराती हैं।
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