नई दिल्ली: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सांसद बिनय विस्वाम ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया कि नए संसद भवन के लिए 10 दिसंबर को होने वाले शिलान्यास समारोह को रोका जाए। उन्होंने प्रधानमंत्री से मांग की कि सेंट्रल विस्टा की पूरी परियोजना को निलंबित करके इसके धन को देश के सामने मौजूद और अधिक महत्वपूर्ण विषयों पर खर्च किया जाएगा। विस्वाम ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा कि जब देश के सामने कोविड-19 महामारी, मंदी और बेरोजगारी जैसी अभूतपूर्व चुनौतियां हैं, ऐसे में इस तरह की परियोजना सरकार की जनता के प्रति बेरुखी दर्शाती है।
‘सुप्रीम कोर्ट ने भी जताई है नाखुशी’
विश्वाम ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी इस बात पर नाखुशी जताई है कि सरकार हड़बड़ी में सेंट्रल विस्टा परियोजना को जारी रख रही है। राज्यसभा सदस्य विस्वाम ने कहा, ‘देशभर में लाखों किसान नए कृषि कानूनों के खिलाफ सड़कों पर उतरे हैं। अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र में एक तरह से क्रमबद्ध तरीके से निजीकरण किया जा रहा है, वहीं जब राज्यों को उनके जीएसटी के बकाए के भुगतान की बात आती है तो सरकार हमेशा धन की कमी की बात करती है। इन हालात में सेंट्रल विस्टा परियोजना के लिए 20,000 करोड़ रुपये का आवंटन पूरी तरह अनुचित है और रुकना चाहिए।’
दिग्विजय सिंह ने भी उठाए थे सवाल
बता दें कि इससे पहले कांग्रेस नेता और राज्यसभा के सदस्य दिग्विजय सिंह ने सोमवार को कहा था कि कोविड-19 संकट के बीच नरेंद्र मोदी सरकार के पास सेंट्रल विस्टा परियोजना के लिए तो खूब पैसा है, लेकिन गरीबों के खातों में न्यूनतम आय पहुंचाने को लेकर कांग्रेस की मांग पर वह कथित रूप से धन की तंगी की बात करती है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय ने कहा था, 'मैं नया संसद भवन बनाने की परियोजना का औचित्य समझ नहीं पा रहा हूं। हम इस परियोजना का पूरी तरह विरोध करते हैं।'
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