तिरुवनंतपुरम: केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने मंगलवार को कहा कि कोविड महामारी से निपटने के बीच जैसे ही राज्य में निपाह के पहले मामले की पहचान हुई, सरकार ने तत्काल इसके खिलाफ कार्रवाई शुरू की। विजयन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सरकार ने अपनी कार्रवाई के तहत समितियां गठित करने और कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित करने सहित सभी आवश्यक कदम उठाए गए। विजयन ने साथ ही कहा कि घातक वायरस से लड़ने के लिए संपर्कों का गहनता से पता लगाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री विजयन ने मीडिया से कहा कि निपाह के प्रसार की रोकथाम के लिए सरकार ने तुरंत नमूना परीक्षण, निगरानी, परिणाम प्रबंधन, संपर्कों का पता लगाने और डेटा विश्लेषण की निगरानी आदि के लिए 16 समितियों का गठन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में संपर्क में आए लोगों की सूची में 257 लोग हैं और इनमें से 141 स्वास्थ्यकर्मी हैं जिनमें से किसी में भी कोई गंभीर लक्षण नहीं हैं। बता दें कि केरल के लिए मंगलवार की सुबह कष्ट में थोड़ी राहत लेकर आई जब निपाह के कारण जान गंवाने वाले 12 साल के बच्चे के करीबी संपर्क में आए लोगों की जांच रिपोर्ट में संक्रमण नहीं होने की पुष्टि हुई।
केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि बच्चे के करीबी संपर्क में आए 8 लोगों के नमूनों की जांच रिपोर्ट आ गई है जिनमें कोई भी संक्रमित नहीं पाया गया है। उन्होंने बताया, ‘बच्चे के माता-पिता और स्वास्थ्यकर्मी, जिनमें लक्षण नजर आ रहे थे, उनके नमूने संक्रमित नहीं पाए गए। बच्चे के करीबी संपर्क में आए लोगों की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आना राहत की बात है।’ जॉर्ज ने बताया कि अभी फिलहाल 48 लोग उच्च जोखिम वाली श्रेणी में हैं, इन लोगों को मेडिकल कॉलेज के पृथक-वास वार्ड में रखा गया है और उनका स्वास्थ्य स्थिर है।
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