पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां बुधवार को कहा कि मनी लांड्रिंग कानून के तहत राज्य सरकार को भी शक्ति प्रदान की जानी चाहिए। राज्य सरकार को पांच करोड़ रुपये तक की संपत्ति जब्त करने का अधिकार मिलना चाहिए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह प्र्वतन निदेशालय (ED) को 'डायल्यूट' (कमजोर) करने की बात नहीं कर रहे हैं।
पटना में मादक पदार्थो के दुरुपयोग और अवैध व्यापार के विरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय दिवस समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "पिछले पांच-छह वर्षो से मैं केंद्र सरकार के समक्ष इस बात को उठाते रह रहा हूं कि मनी लांड्रिंग कानून के तहत राज्य सरकार को भी शक्ति प्रदान की जाए। अगर राज्य सरकार को अधिकार मिलता तो मनी लांड्रिंग कानून के तहत काफी लोग पकड़े जाएंगे।"
उन्होंने कहा, "हम प्रवर्तन निदेशालय की शक्ति को कमजोर करने की बात नहीं कर रहा, बल्कि अगर राज्य पुलिस को भी शक्ति प्रदान की जाती तो और सशक्त कार्रवाई संभव होगी।" मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि बिहार में शराबबंदी अभियान आसफल नहीं हो सकता। आज कोई सोच ले कि इस अभियान को असफल करा देंगे, तो वह असफल होगा। कुछ लोग शराब पीने को अपनी 'लिबर्टी' से जोड़ कर देखते हैं, पर यह 'लिबर्टी' नहीं, बल्कि बर्बादी का विषय है।
शराबबंदी के बाद घाटे का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "शराब के व्यापार से सरकार को पांच हजार करोड़ रुपये की आमदनी थी, लेकिन लोगों का 10 हजार करोड़ रुपये शराब पर बर्बाद हो रहा था। हम पांच हजार करोड़ रुपये के राजस्व नुकसान को घाटा नहीं मानते।" उन्होंने पुलिस अधिकारियों को नसीहत देते हुए कहा, "एक मिनट के लिए भी शराबबंदी को लेकर ढिलाई नहीं कीजिएगा। नीचे वाले को टाइट किए रहिएगा। ऊपर से टाइट रहिएगा तो नीचे वाला गड़बड़ नहीं कर पाएगा।"
बिहार में शराबबंदी के बाद पर्यटकों की संख्या में वृद्धि का दावा करते हुए नीतीश ने कहा, "शराबबंदी को लेकर लोग कहते थे कि बिहार में आने वाले पर्यटकों की संख्या में कमी आएगी। मैं सभी को बता देना चाहता हूं कि बिहार में आने वाले घरेलू पर्यटकों की संख्या में 68 प्रतिशत तथा विदेशी पर्यटकों की संख्या में नौ प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।"
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