श्रीनगर: श्रीनगर में आधिकारिक तौर पर कर्फ्यू की घोषणा नहीं है लेकिन हालात कर्फ्यू के समान हैं। शहर में सन्नाटा छाया है,कटीले तारों से जगह जगह बाड़बंदी है, चप्पे-चप्पे पर तैनात पुलिस और सेना के जवान बहुत जरूरत पड़ने पर ही लोगों को निकलने दे रहे हैं और वह भी गहन तलाशी के बाद। केन्द्र सरकार ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया है और राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेश के रूप में बांटने की घोषणा की है। इस बात को दो दिन बीत चुके हैं। यहां की जनता घरों के अंदर है,किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए अधिकारियों ने संचार के सभी साधन बंद कर दिए हैं।
कर्फ्यू जैसे इन हालात में लोग असमंजस में हैं तो कुछ खौफजदा भी हैं। अधिकारियों ने बताया कि शहर के बाहरी इलाके नूरबाग में कुछ युवा इकट्ठा हो गए थे जिन्हें सीआरपीएफ के जवानों ने खदेड़ दिया। जवानों से बचने के चक्कर में एक युवक झेलम नदी में कूद गया और डूब गया। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में प्रदर्शन हुआ,भीड़ को तितर बितर करने के लिए लाठिंया चलाईं गईं जिसमें छह लोग घायल हो गए।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने स्थिति की समीक्षा की। एक वीडियो सामने आया है जिसमें वह शोपियां में कुछ लोगों के साथ खाना खाते दिखाई दे रहे हैं। शहर में केवल उन्हें ही निकलने दिया जा रहा है जिन्हें बेहद जरूरी काम है, वह भी जगह जगह गहन तलाशी के बाद। शहर में सार्वजनिक यातायात बंद होने के कारण लोग हवाई अड्डे तक पहुंचने के लिए लिफ्ट लेते दिखाई दिए। गुडगांव में एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करने वाले आदिल डार अपने माता-पिता से मिलने यहां आए थे और अब वह वापस दिल्ली लौट रहें हैं। यातायात का कोई साधन नहीं होने के कारण उन्हें श्रीनगर हवाई अड्डे तक 14 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा। एक अधिकारी ने बताया कि शहर में धारा 144 लागू है। सभी शिक्षण संस्थान हैं। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती सहित बड़ी संख्या में नेता हिरासत में हैं।
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