नई दिल्ली: भारतीय दवा महानियंत्रक (DGCI) ने सोमवार को रूस की कोविड-19 रोधी वैक्सीन ‘स्पुतनिक-वी’ को भारत में आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी। इसके बाद उम्मीद जगी थी कि देश में जल्द ही ये तीसरी वैक्सीन भी लोगों को लगने लगेगी। हालांकि एक्सपर्ट्स का मानना है कि वैक्सीन की सप्लाई शुरू होने में अभी भी लगभग 2 महीने लग सकते हैं। इससे पहले रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (RDIF) ने कहा था कि भारत में हर साल स्पुतनिक वी वैक्सीन की 85 करोड़ से अधिक खुराक तैयार होंगी।
‘जून-जुलाई तक भारत में इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगी स्पुतनिक वी’
AIIMS के पूर्व निदेशक डॉ एमसी मिश्रा ने कहा, ‘Sputnik V वैक्सीन 2-8 डिग्री सेल्सियस तापमान में आसानी से स्टोर हो सकती है। यह वैक्सीन जून-जुलाई तक भारत में इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगी।’ उन्होंने बताया कि ट्रायल में यह वैक्सीन 90-91 प्रतिशत सफल रही है। मिश्रा ने कहा कि वैक्सीन का उत्पादन भारत में ही होगा। उन्होंने कहा कि मॉडर्ना और फाइजर वैक्सीन अभी नहीं मिलेगी क्योंकि इन्हें पहले उन देशों को वैक्सीन देनी होगी जिनके साथ उनका करार हुआ है। मिश्रा ने कहा कि एक की जगह 2 मास्क लगाना ही फिलहाल सबसे अच्छी वैक्सीन है।
‘स्पुतनिक V को मंजूरी देने वाला दुनिया का सबसे बड़ा देश है भारत’
इससे पहले RDIF ने एक बयान में कहा था कि भारत Sputnik V को मंजूरी देने वाला 60वां देश है। बयान में कहा गया था कि आबादी के लिहाज से भारत इस टीके को अपनाने वाला सबसे बड़ा देश है और वह स्पुतनिक वी के उत्पादन में भी सबसे आगे है। DCGI ने कुछ शर्तों के साथ स्पुतनिक वी के सीमित आपातकालीन उपयोग को मंजूरी दी है। स्पुतनिक वी भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ इस्तेमाल होने वाली तीसरी वैक्सीन है। इससे पहले डीसीजीआई ने जनवरी में पुणे में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन कोविशील्ड तथा भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दी थी। (PTI से इनपुट्स के साथ)
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