विपक्ष का 'भारत बंद': कहीं ट्रेन रोकी तो कहीं जबरन दुकानें बंद कराई, तस्वीरों में देखें कैसा रहा माहौल
राज्यों की राजधानी से मिली खबरों के अनुसार, कई राज्यों में बंद को जबरन लागू कराने का प्रयास करने वाले कई कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को पुलिस हिरासत में लिया गया। कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दलों ने दावा किया कि बंद सफल रहा लेकिन सत्तारूढ भाजपा ने दावा किया कि यह ‘फ्लॉप’ रहा।
नई दिल्ली: पेट्रोलियम पदार्थों के बढ़ते दामों को लेकर कांग्रेस नीत विपक्ष के आह्वान पर आयोजित ‘भारत बंद’ के दौरान सोमवार को हिंसा की कुछ घटनाएं हुईं और मुख्य रूप से बिहार, केरल, कर्नाटक, असम और ओडिशा में जनजीवन प्रभावित हुआ। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित अन्य पार्टी नेताओं ने दिल्ली के रामलीला मैदान पर एक प्रदर्शन रैली में मोदी सरकार पर निशाना साधा। बंद से प्रभावित राज्यों में कार्यालय और शैक्षणिक संस्थान बंद रहे जबकि सड़कों से वाहन नदारद रहे। बंद कांग्रेस, उसके सहयोगी देशों तथा वामदलों सहित 21 विपक्षी दलों ने आहूत किया था।
राज्यों की राजधानी से मिली खबरों के अनुसार, कई राज्यों में बंद को जबरन लागू कराने का प्रयास करने वाले कई कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को पुलिस हिरासत में लिया गया। कांग्रेस तथा अन्य विपक्षी दलों ने दावा किया कि बंद सफल रहा लेकिन सत्तारूढ भाजपा ने दावा किया कि यह ‘फ्लॉप’ रहा। बिहार में बड़े पैमाने पर आगजनी, तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं और रेल तथा सड़क यातायात बाधित किया गया। पुराने पटना शहर इलाके में रेल पटरियों पर टायर जलाए गए जिससे ट्रेनों की आवाजाही बाधित हुई। भाजपा ने बिहार के जहानाबाद में अस्पताल ले जाते वक्त दो साल की बच्ची की मौत के लिए बंद समर्थकों को जिम्मेदार ठहराया लेकिन स्थानीय प्रशासन ने इस आरोप से इंकार किया कि बच्ची को लेकर जा रही एंबुलेंस को प्रदर्शनकारियों ने रोका था।
केन्द्रीय मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता गिरिराज सिंह ने बंद को ‘‘चुनावी स्टंट’’ करार दिया जबकि उनकी पार्टी के सहयोगी राम कृपाल यादव ने दावा किया कि बंद ‘‘फ्लॉप’’ रहा। राष्ट्रीय राजधानी में बंद का कोई असर देखने को नहीं मिला क्योंकि कार्यालय, स्कूल और कालेज सामान्य रूप से खुले रहे तथा सड़कों पर वाहनों की आवाजाही भी सामान्य रही। माकपा प्रमुख सीताराम येचुरी सहित वामदल नेताओं ने संसद मार्ग थाने में गिरफ्तारी दी।
केरल, कर्नाटक, बिहार, ओडिशा और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों में बंद के कारण जनजीवन प्रभावित हुआ लेकिन उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और मिजोरम में कुल मिलाकर जनजीवन सामान्य रहा। वामदलों ने केरल और पश्चिम बंगाल में कांग्रेस तथा अन्य दलों द्वारा बुलाए गए सुबह नौ से अपराह्न तीन बजे तक के बंद के बजाय 12 घंटे का बंद आयोजित किया। केरल में बंद से जनजीवन प्रभावित रहा। सार्वजनिक एवं निजी परिवहन बसें और ऑटोरिक्शा सड़कों पर नजर नहीं आए।
दिल्ली में रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन में घृणा फैलाई जा रही है और देश को बांटा जा रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सभी विपक्षी दलों से देश की एकता, अखंडता और लोकतंत्र को ‘‘बचाने’’ के लिए एकजुट होने का आह्वान किया।
भाजपा ने पेट्रोलियम पदार्थों के दामों में बढोत्तरी का बचाव किया और इसके लिए वैश्विक कारकों को जिम्मेदार ठहराया। भाजपा ने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर बंद के दौरान हिंसा पर उतरने का आरोप लगाया क्योंकि जनता ने इसका समर्थन नहीं किया। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में कुछ स्थानों पर प्रदर्शनकारियों ने कुछ स्कूल वाहनों सहित बसों को निशाना बनाया और रेल यातायात बाधित किया। कुछ जगहों पर पेट्रोल पंपों को भी निशाना बनाया गया।
महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ और गुजरात में कई स्थानों पर स्कूल, कालेज और कारोबारी प्रतिष्ठान बंद रहे। ओडिशा में, कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा बंद लागू करने के लिए रेल की पटरियों पर अवरोध पैदा किया गया जिससे कई स्थानों पर ट्रेन सेवाएं बाधित हुईं। कम से कम दस ट्रेनें रद्द की गई हैं। कर्नाटक में जनजीवन बाधित रहा जहां कांग्रेस-जेडी एस गठबंधन सरकार चला रहा है। बेंगलुरू की सड़कें सुनसान रहीं और सरकारी बसें, निजी टैक्सी और ज्यादातर आटोरिक्शा सड़कों से दूर रहे। कारोबारी प्रतिष्ठान, दुकानें, मॉल, कुछ निजी कंपनियां बंद रहीं।
मेंगलुरू में खुली रहीं दुकानों और होटलों पर पथराव की खबरें हैं। पश्चिम बंगाल में लगभग सभी दुकानें, कॉलेज और कार्यालय खुले रहे और परीक्षाएं भी तय कार्यक्रम के अनुसार आयोजित हुईं। तमिलनाडु में जनजीवन कुल मिला कर सामान्य रहा। हालांकि ट्रेड यूनियनों से जुड़े आटोरिक्शा सड़कों से दूर रहे। अरुणाचल प्रदेश में बंद की वजह से जनजीवन प्रभावित हुआ। राज्य में सभी दुकानें, बैंक समेत कारोबारी प्रतिष्ठान और शिक्षण संस्थान बंद रहे तथा निजी गाड़ियां सड़कों से नदारद रही। उत्तर प्रदेश में बंद का ज्यादा असर देखने को नहीं मिला और ज्यादातर दुकानें और कारोबारी प्रतिष्ठान खुले रहे। कांग्रेस शासित मिजोरम में भी दुकानें, कार्यालय और शैक्षणिक संस्थान खुले रहे और इन पर बंद का कोई असर नहीं हुआ।