नई दिल्ली: निजी मौसम पूर्वानुमान कम्पनी स्काइमेट वेदर ने 2021 में दक्षिण-पश्चिम मानसून के सामान्य रहने का अनुमान जताया है। वर्ष 2019 और 2020 में दक्षिण-पश्चिम मानसून में बारिश सामान्य से अधिक हुई थी। ला नीना, जो प्रशांत सागर के जल के शीतलन से जुड़ा है, भारतीय मानसून को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण तत्वों में से एक है। स्काईमेट वेदर ने कहा, ‘‘अभी प्रशांत महासागर में पर्याप्त ठंडक है और ला नीना की स्थितियां चरम पर हैं। समुद्र की सतह के तापमान (एसएसटी) के जल्द ही बढ़ने और ला नीना के जारी रहने की संभावना में गिरावट आएगी।’’
उसने कहा कि मानसून आने पर यह लगभग 50 फीसदी तक घट जाएगा। उसने कहा कि इस साल मानसून सामान्य रह सकता है, जिसकी शुरुआत ठीक-ठाक और इसके खत्म होने तक इसमें बारिश के सामान्य से अधिक होने का अनुमान है। 2 फरवरी को लेकर स्काईमेट वेदर की टीम ने देश भर में बने मौसमी सिस्टम का हाल बताया है।
स्काईमेट वेदर के मुताबिक, एक पश्चिमी विक्षोभ इस समय जम्मू-कश्मीर के पास बना हुआ है। एक अन्य पश्चिमी विक्षोभ इसके पीछे ही आ रहा है और इस समय उत्तरी अफगानिस्तान और इससे सटे उत्तरी पाकिस्तान पर पहुंच गया है। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से पाकिस्तान के मध्य भागों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित हो गया है। दक्षिण-पूर्वी अरब सागर से तटीय कर्नाटक होते हुए मध्य महाराष्ट्र तक एक ट्रफ रेखा बनी हुई है।
स्काईमेट वेदर ने कहा कि पिछले 24 घंटों के दौरान जम्मू-कश्मीर में हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी की गतिविधियां दर्ज की गई हैं। तटीय आंध्र प्रदेश में भी कुछ स्थानों पर बादलों की गर्जना के साथ बारिश हुई। आंतरिक तमिलनाडु में हल्की बारिश हुई है। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में शीतलहर का प्रकोप जारी रहा। उत्तर प्रदेश, बिहार, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम के कुछ हिस्सों में बेहद घना कोहरा छाया रहा।
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