मानसून के लिए खलनायक बना चक्रवात 'वायु', मुंबई में एक हफ्ते लेट होगी बारिश, दिल्ली के लिए लंबा हुआ इंतजार
अरब सागर में उठा चक्रवात 'वायु' भले ही गुजरात को नुकसान पहुंचाए बिना ओमान की ओर बढ़ गया हो, लेकिन इससे मौसमी परिस्थितियों पर बेहद प्रतिकूल असर पड़ा है।
अरब सागर में उठा चक्रवात 'वायु' भले ही गुजरात को नुकसान पहुंचाए बिना ओमान की ओर बढ़ गया हो, लेकिन इससे मौसमी परिस्थितियों पर बेहद प्रतिकूल असर पड़ा है। गर्मी से तप रहा पूरा भारत इस समय मानसून का इंतजार कर रहा है। लेकिन वायु की मौजूदगी के चलते मानसूनी हवाए सुस्त पड़ गई हैं। मौसम विभाग ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए बताया कि दक्षिण पश्चिम मानसून अभी मुंबई तट तक पहुंचने में एक हफ्ते का वक्त और लेगा। बता दें कि भारत में इस साल मानसून अपनी पूर्व निर्धारित रफ्तार से पहले ही एक सप्ताह धीरे चल रहा है। हर साल मई के आखिरी सप्ताह में केरल पहुंचने वाला मानसून 8 जून को केरल के तट पर पहुंचा है।
आमतौर पर केरल पहुंचने के दक्षिण पश्चिम मानसून 2 से 3 दिनों के बाद पश्चिमी तट से होता हुआ मुंबई पहुंचता है। लेकिन इस बार 10 जून के बाद से अरब सागर में वायु तूफान के चलते मानसून की रफ्तार काफी कम हो गई है। अब इसके 20 जून के आसपास मुंबई पहुंचने की संभावना है। ऐसे में सूखे से प्रभावित महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और एमपी जैसे राज्यों में अभी बारिश के लिए और इंतजार करना होगा।
प्यासी दिल्ली का बढ़ा इंतजार
भीषण गर्मी से तप रही दिल्ली के लिए मानसून का इंतजार और लंबा हो गया है। बता दें कि दिल्ली में बारिश दक्षिण पश्चिम मानसून से होती है। जो कि मुंबई के रास्ते मुख्य भूमि में प्रवेश करता हुआ अरावली रेंज के सहारे दिल्ली पहुंचता है। इस बार जून के अंतिम सप्ताह तक दिल्ली में मानसून के पहुंचने की उम्मीद थी। लेकिन वायु ने उसे भी खत्म कर दिया है। अब दिल्ली में भी बारिश के लिए जुलाई तक इंतजार करना पड़ेगा।
जून में 50 फीसदी तक कम हो सकती है मानसूनी बारिश
वैज्ञानिकों के अनुसार पहले से ही देरी से आ रहे मानसून की गति वायु के चलते प्रभावित होने से जून माह की कुल मानसूनी बारिश में 40 से 50 फीसदी तक बारिश में कमी आ सकती है। हालांकि उत्तर भारत में मानसून की अधिकांश बारिश जुलाई से शुरू होती है। लेकिन देरी के चलते पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तरी भारत के इलाके गंभीर जलसंकट से गुजर सकते हैं।