नई दिल्ली: मशहूर सिंगर एसपी बालासुब्रमण्यम के निधन पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शोक जाहिर किया। उन्होंने एसपी बालासुब्रमण्यम के बेटे एसपीबी चरण को पत्र लिखकर अपनी संवेदना प्रकट की। सोनिया गांधी ने लिखा, "मुझे एसपी बालासुब्रमण्यम के निधन का बहुत दुख है, जिन्होंने छह हफ्तों से ज्यादा कोरोना वायरस से जंग लड़ी।" उन्होंने कहा कि एसपी बालासुब्रमण्यम भारतीय संगीत के चमकते प्रतीक थे।
सोनिया गांधी ने एसपीबी चरण को लिखे पत्र में कहा, 'इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं आपके परिवार के साथ हैं। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे।" बता दें कि 5 अगस्त 2020 को एसपी बालासुब्रमण्यम के कोरोना पॉजिटिव होने की खबर आई थी और 13 अगस्त को ज्यादा तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था। लेकिन, उन्हें नहीं बचाया जा सका। उन्होंने शुक्रवार को आखिरी सांस ली।
एसपी बालासुब्रमण्यम ने हिंदी के अलावा तमिल, तेलुगू, कन्नड़ और मलयालम भाषा में भी कई सुपरहिट गाने गाए। सिंगर अलावा वह म्यूज़िक डायरेक्ट, डबिंग आर्टिस्ट और एक्टर भी रह चुके थे। एसपी बालासुब्रमण्यम को प्लेबैक सिंगिंग के लिए छह बार नेशनल अवॉर्ड्स मिले थे, यह गाने अलग अलग भाषाओं में थे। बॉलीवुड में उन्हें फिल्म फेयर अवॉर्ड भी मिले।
साल 2001 और 2011 में एसपी बालासुब्रमण्यम को पद्मश्री और पद्म भूषण पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। बालासुब्रमण्यम ने अपने पांच दशक से अधिक लंबे करियर में 16 भाषाओं में 40,000 से अधिक गाने गाए हैं। बता दें कि उनका जन्म 4 जून, 1946 को हुआ था। उनके पिता का नाम एसपी सम्बामूर्ति था, जो एक हरि कथा कलाकार थे और मां का नाम सकुंतलम्मा था।
संगीत के प्रति उनका रूझान बचपन के दिनों से ही था। उनकी छोटी बहन पी. सैलजा भी एक प्लेबैक सिंगर थीं। इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते वक्त वह गायन प्रतियोगिताओं में भी हिस्सा लिया करते थे। उन्होंने इसमें कई ईनाम भी जीते हैं। बाद में फिल्मों में गाने का अवसर ढूंढ़ने के लिए उन्होंने खुद ही म्यूजिक डायरेक्टरों संग जाकर मिलना शुरू कर किया था।
अपनी जिंदगी में एक बेहद ही विनम्र इंसान के तौर पर पहचाने जाने वाले एसपीबी ने कहा था कि जब एक इंसान अपनी जिंदगी में कुछ हासिल कर लेता है, तो इसके पीछे कई लोगों का हाथ होता है और उनके संदर्भ में, उन्हें दो लोगों का साथ मिला। अपने दोस्त व रूममेट मुरली के बारे में उन्होंने बताया कि अगर 1966 के दिसंबर में मुरली ने उन्हें जबरदस्ती रिकॉर्डिग स्टूडियो में न भेजा होता, तो वह शायद कभी प्लेबैक सिंगर न बन पाते।
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