नई दिल्ली: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के मौके पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया। उन्होंने महात्मा गांधी को किसानों और मज़दूरों का सबसे बड़ा हमदर्द बताते हुए कहा कि आज महात्मा गांधी की जयंती पर कृषि विरोधी तीन काले कानूनों के खिलाफ आंदोलन हो रहा है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार किसानों को खून के आंसू रुला रही है।
एक वीडियो संदेश में सोनिया गांधी ने कहा, "आज किसानों, मज़दूरों के सबसे बड़े हमदर्द महात्मा गांधी की जयंती है, गांधी जी कहते थे कि भारत की आत्मा भारत के गांव, खेत और खलिहान में बसती है। आज 'जय-जवान, जय किसान' का नारा देने वाले पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की भी जयंती है। लेकिन आज देश के किसान और खेत मज़दूर कृषि विरोधी तीन काले कानूनों के खिलाफ सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं।"
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, "अपना खून-पसीना देकर अनाज उगाने वाले अन्नदाता किसान को मोदी सरकार खून के आंसू रुला रही है।" बता दें कि अब किसान उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक 2020, किसान (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) मूल्य आश्वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक 2020 को राष्ट्रपति से भी मंजूरी मिल चुकी है।
लेकिन, इनके खिलाफ जगह-जगह विरोध प्रदर्शन जारी है। कृषि कानूनों के विरोध पंजाब में अमृतसर के देविदासपुर गांव में किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी का 'रेल रोको' आंदोलन आज नौवें दिन भी जारी है। हरियाणा और पंजाब में इन कानूनों का बड़े स्तर पर विरोध हो रहा है। कांग्रेस सहित कई बड़े राजनीतिक दल भी इन कानूनों को विरोध कर रहे हैं।
सोनिया गांधी ने कृषि संबंधी कानूनों को लेकर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर किसानों के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया और कहा कि इन ‘काले कानूनों’ के खिलाफ उनकी पार्टी का संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि इन कानूनों के खिलाफ चल रहा आंदोलन सफल होगा और किसानों की जीत होगी।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस महामारी के दौरान हम सबने सरकार से मांग की थी कि हर जरूरतमंद देशवासी को मुफ्त में अनाज मिलना चाहिए। तो क्या हमारे किसान भाइयों के बगैर ये संभव था कि हम करोड़ों लोगों के लिए दो वक्त के भोजन का प्रबंध कर सकते थे। ’’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘आज देश के प्रधानमंत्री हमारे अन्नदाता किसानों पर घोर अन्याय कर रहे हैं। उनके साथ नाइंसाफी कर रहे हैं, जो कानून किसानों के लिए बनाए गए, उनके बारे में उनसे सलाह मशविरा तक नहीं किया गया। बात तक नहीं की गई, यही नहीं उनके हितों को नज़रअंदाज करके सिर्फ चंद दोस्तों से बात करके किसान विरोधी तीन काले कानून बना दिए गए।’’
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