चीन और पाकिस्तान से एकसाथ निपटने के लिए कैसी हैं भारत की तैयारी?
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने गुरुवार को कहा, ''जो सैनिक फ्रंटलाइन पर तैनात हैं, हमारे विमान को उड़ा रहे हैं, समुद्र में हमारे जहाजों पर तैनात हैं, उनमें से कोई भी कोरोना वायरस से प्रभावित नहीं हुआ है।''
नई दिल्ली: चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने गुरुवार को कहा, ''जो सैनिक फ्रंटलाइन पर तैनात हैं, हमारे विमान को उड़ा रहे हैं, समुद्र में हमारे जहाजों पर तैनात हैं, उनमें से कोई भी कोरोना वायरस से प्रभावित नहीं हुआ है।'' बिपिन रावत ने यह भी कहा, ''भारतीय सशस्त्र बलों को फौरी संकट से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए और साथ ही भविष्य के लिए भी तैयारी करनी चाहिए। भारत को उत्तरी और पश्चिमी मोर्चों पर समन्वित कार्रवाई का खतरा है जिसके बारे में रक्षा योजना के बारे में हमें विचार करना चाहिए।'' उन्होनें कहा, '' हमने उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर उभरते खतरों से निपटने की रणनीति की परिकल्पना कर ली है।''
बिपिन रावत ने कहा, ''भारत चीन की आक्रामक हरकतों को देखता आ रहा है, पर हम इनसे समुचित ढंग से निपटने में सक्षम है। चीन की पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को आर्थिक सहायता और पाकिस्तान को सैन्य तथा कूटनीतिक सहायता जारी रखने के कारण हमारे लिए उच्च स्तर की तैयारी रखना आवश्यक हो गया है।''
भारतीय वायुसेना पूरी तरह तैयार
भारतीय वायुसेना के प्रमुख आर.के.एस.भदौरिया ने पूर्वी वायु (सेना) कमान के तहत आने वाले मुख्य ठिकानों का बुधवार को दौरा किया। साथ ही, चीन के साथ सीमा पर तनाव बढ़ने के मद्देनजर अरूणाचल प्रदेश और सिक्किम में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर बल की अभियान संबंधी तैयारियों की भी समीक्षा की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने इलाके में सामरिक रूप से महवपूर्ण कुछ खास स्थानों पर कब्जा करने की चीन की नाकाम कोशिश के बाद पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील इलाके में उभरती स्थिति को ध्यान में रखते हुए वायुसेना के जांबाज जवानों से अत्यधिक सतर्क रहने को कहा है।
वायुसेना की पूर्वी कमान का मुख्यालय शिलांग में है, जो सिक्किम और अरूणाचल प्रदेश में एलएसी से लगे संवेदनशील इलाकों और क्षेत्र के कई अन्य हिस्सों में हवाई रक्षा की जिम्मेदारी संभालता है। वायुसेना के प्रवक्ता ने वायुसेना के ठिकानों के नामों का उल्लेख किये बगैर कहा, ‘‘एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने बुधवार को पूर्वी वायु (सेना) कमान में अग्रिम एयर बेस का दौरा किया।’’
सभी अहम ठिकानों पर सतर्कता बढ़ी
थल सेना और वायुसेना ने करीब 3,400 किमी लंबी एलएसी पर सभी अहम ठिकानों पर सतर्कता बढ़ा दी है। पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर यथा स्थिति में बदलाव करने की चीन की हालिया कोशिश के बाद ऐसा किया गया है। वायुसेना प्रवक्ता ने कहा कि वायुसेना प्रमुख को कमान के तहत लड़ाकू इकाइयों की ‘‘तैयारियों की स्थिति’’ और अभियानगत तैयारियों के बारे में अवगत कराया गया। अधिकारी ने कहा, ‘‘एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने इन इकाइयों में सेवारत वायुसेना के जांबाज जवानों से भी अपने दौरे पर बातचीत की। उन्होंने सभी भूमिकाओं के निर्वहन में वायुसेना ठिकाने के कर्मियों के लक्ष्य केंद्रित प्रयासों की भी सराहना की और उनसे पूरी कर्मठता से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने को कहा। ’’
भारतीय थल सेना ने इलाके में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण कई पर्वत चोटियों पर कब्जा किया
पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर यथा स्थिति में बदलाव करने की चीन की कोशिश के बाद, भारतीय थल सेना ने इलाके में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण कई पर्वत चोटियों पर कब्जा किया है, जहां से चीन के महत्वपूर्ण मोर्चों पर नजर रखी जा सकती है। मई की शुरूआत में पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प होने से उपजे सीमा विवाद के बाद से वायुसेना प्रमुख नियमित रूप से एलएसी से लगे वायु सेना के अहम ठिकानों का दौरा कर रहे हैं। जून में भदौरिया ने वायुसेना की संपूर्ण तैयारियों की समीक्षा के लिये बल के लद्दाख और श्रीनगर स्थित ठिकानों का दौरा किया था।
सुखोई 30 एमकेआई, जगुआर और मिराज 200 लड़ाकू विमान तैनात
पिछले दो महीने में वायुसेना ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर अहम सीमांत एयर बेसों पर अग्रिम मोर्चे के अपने लगभग सभी श्रेणी के लड़ाकू विमानों को तैनात किया है, जिनमें सुखोई 30 एमकेआई, जगुआर और मिराज 200 लड़ाकू विमान शामिल हैं। वायुसेना ने अपाचे हमलावर हेलीकॉप्टर और सैनिकों को क्षेत्र में विभिन्न अग्रिम स्थानों पर पहुंचाने के लिये चिनूक हेलीकॉप्टर भी तैनात किये हैं।
वायुसेना के विमान रात में पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में हवाई गश्त कर रहें
वायुसेना के विमान रात में पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में हवाई गश्त कर रहे हैं , जो संभवत: चीन को यह संदेश देने के लिये है कि यह इस पर्वतीय क्षेत्र में किसी भी अकस्मात स्थिति से निपटने के लिये तैयार है। सोमवार को, थल सेना ने कहा कि चीनी सेना ने पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर 29 और 30 अगस्त की दरम्यानी रात यथा स्थिति में एकतरफा बदलाव करने के इरादे से उकसाने वाली सैन्य गतिविधियां की, लेकिन उसकी यह कोशिश भारतीय सैनिकों ने नाकाम कर दी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने मंगलवार को कहा कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने एक दिन पहले उकसाने वाली हरकत की थी ।उस समय दोनों पक्षों के कमांडर तनाव दूर करने के लिये वार्ता कर रहे थे।