नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए नई गाइडलाइंस जारी कर दी है। केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका ऐलान किया। उन्होंने कहा कि सरकार ने केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में यह गाइडलाइंस जारी की है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा था कि वो जल्द से जल्द इस पर नई गाइडलाइंस जारी करे।
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उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया को भारत में कारोबार की आजादी है और उनके भारत में अच्छे नंबर हैं और उन्होंने सामान्य भारतीय को इम्पावर किया है। सरकार सोशल मीडिया पर निंदा का स्वागत भी करती है।
कंप्लेन अधिकारी की नियुक्ति
उन्होंने कहा कि तीन स्तर पर निगरानी की जाएगी। हर सोशल मीडिया कंपनी को देश अपना चीफ कम्प्लायंस ऑफिसर रखना होगा। भारत में एक कंप्लेन अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी और उसका भारतीय होना जरूरी है। किसी भी तरह के खुराफात और आपत्तिजनक पोस्ट पर शिकायत मिलने पर यह बताना होगा कि खुराफात की शुरुआत कहां से हुई। अगर कोई गैर कानूनी जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर है तो प्लेटफार्म को उसको हटाना पड़ेगा। सिग्निफिकेंट सोशल मीडिया का जो कानून है उसे 3 महीने में लागू कर दिया जाएगा।
सेल्फ रेग्युलेशन के लिए एक संस्था बनानी होगी जिसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट का कोई रिटायर जज होगा।OTT और डिजिटल न्यूज मीडिया को जानकारी देनी होगी की कहां से पब्लिश कर रहे हैं, कैसे पब्लिश करते हैं और कैसे जानकारी को फैलाते हैं, रजिस्ट्रेशन जरूरी नहीं है सिर्फ जानकारी देनी होगी।
भारत में सोशल मीडिया यूजर
- व्हाट्स एप यूजर 53 करोड़
- यू ट्यूब 44.8 करोड़
- फेसबुक 41 करोड़
- इंस्टा 21 करोड़
- ट्विटर 1.75 करोड़
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