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Hindi News भारत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की चेतावनी, स्मोकिंग से भी Coronavirus का खतरा

स्वास्थ्य मंत्रालय की चेतावनी, स्मोकिंग से भी Coronavirus का खतरा

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि तंबाकू उत्पादों के इस्तेमाल से श्वसन संबंधी संक्रमण बढ़ सकता है और ऐसे लोग कोरोना वायरस की चपेट में आने के लिहाज से अधिक संवेदनशील हैं।

Smokers are likely to be more vulnerable to coronavirus, says Union Health Ministry- India TV Hindi Image Source : PTI Smokers are likely to be more vulnerable to coronavirus, says Union Health Ministry

नयी दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि तंबाकू उत्पादों के इस्तेमाल से श्वसन संबंधी संक्रमण बढ़ सकता है और ऐसे लोग कोरोना वायरस की चपेट में आने के लिहाज से अधिक संवेदनशील हैं। उसने कहा कि धूम्रपान करने वाले लोगों के कोविड-19 की चपेट में आने का खतरा अधिक है क्योंकि धूम्रपान करने से हाथ से मुंह तक विषाणु के जाने की आशंका अधिक रहती है। 

मंत्रालय ने ‘कोविड-19 वैश्विक महामारी और भारत में तंबाकू का इस्तेमाल’ विषय पर अपने दस्तावेज में कहा कि विशेषज्ञों ने पुष्टि की है कि धूम्रपान करने वालों में कोरोना वायरस के अधिक गंभीर लक्षण दिखने या उनके मरने की आशंका अधिक है क्योंकि यह सबसे पहले फेफड़ों पर हमला करता है। उसे ऐसे किसी उत्पाद का सेवन करने के खिलाफ आगाह किया है। 

उसने चेतावनी दी कि धूम्रपान करने वालों के कोविड-19 की चपेट में आने की आशंका अधिक रहती है क्योंकि धूम्रपान करने का मतलब है कि उंगलियां होठों के संपर्क में आती है जिससे विषाणु के हाथ से मुंह तक जाने का खतरा बढ़ जाता है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘पानी के पाइप या हुक्का जैसे धूम्रपान उत्पादों को कई लोग इस्तेमाल करते हैं जिससे कोविड-19 के फैलने का खतरा हो सकता है।’’ 

तंबाकू उत्पाद चार मुख्य गैर संचारी बीमारियों दिल की बीमारी, कैंसर, फेफड़ों की बीमारी और मधुमेह के रोगियों के लिए बड़ा खतरा है जिससे ऐसे लोगों में कोविड-19 की चपेट में आने से गंभीर लक्षण दिखाई दे सकते हैं। तंबाकू उत्पादों में जो रसायन होते हैं वे विभिन्न प्रकार की प्रतिरक्षा कोशिकाओं की गतिविधि को दबाते हैं। 

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, ‘‘धूम्रपान करने से फेफड़ों की कार्यप्रणाली बाधित होती है जिससे प्रतिरक्षा क्षमता कम होती है और शरीर के लिए विभिन्न बीमारियों से लड़ना मुश्किल हो जाता है। धूम्रपान, ई-सिगरेट, बिना धुएं वाले तंबाकू, पान मसाला और ऐसे ही उत्पादों के इस्तेमाल से फेफड़ों संबंधी संक्रमण का खतरा और तीव्रता बढ़ सकता है।’’ 

उसने कहा कि तंबाकू उत्पादों (खैनी, गुटखा, पान, जर्दा) चबाने के बाद थूकना पड़ता है। सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से स्वास्थ्य संबंधी खतरा बढ़ता है खासतौर से कोविड-19, टीबी, स्वाइन फ्लू, इंसेफैलाइटिस जैसे संक्रामक रोग फैलते हैं।

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