नयी दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन ने रविवार को कहा कि चमकी बुखार से प्रभावित बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में 100 बिस्तरों वाली ‘शिशु-गहन चिकित्सा इकाई’ (पी-आईसीयू) के स्थान और डिजाइन को अंतिम रूप दे दिया गया है। केंद्रीय मंत्री ने राज्य में चमकी बुखार (एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) और जापानी बुखार (जेई) के मामलों की स्थिति पर मंत्रालय के अधिकारियों के साथ चर्चा की है। हर्षवर्द्धन ने कहा, ‘‘केंद्र और राज्य की टीमों ने मुजफ्फरपुर में 100 बिस्तरों वाले ‘पी-आईसीयू’ के स्थान और डिजाइन को अंतिम रूप दे दिया है, इसे केंद्र प्रायोजित योजना के तहत मदद दी जाएगी।’’
उन्होंने बताया कि चमकी बुखार (एईएस) से शनिवार को एक पीड़ित की मौत हुई जबकि एक नये मरीज को भर्ती किया गया। मंत्री ने बताया कि एसकेएमसीएच में इस रोग से पीड़ित 84 रोगी हैं, जिनमें से चार की हालत नाजुक है और उनकी लगातार निगरानी की जा रही है। उन्होंने बताया कि पिछले एक हफ्ते से मुजफ्फरपुर में एक केंद्रीय टीम डेरा डाले हुए है।
उन्होंने बताया कि राज्य और जिला प्रशासन के सहयोग से सामुदायिक स्तर पर सामाजिक एवं व्यवहार परिवर्तन की कोशिशें की जा रही हैं तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में इस रोग की शुरूआत में ही पहचान एवं प्रबंधन को मजबूत किया गया है। अतिरिक्त सचिव एवं मिशन निदेशक (एनएचएम) मनोज झलानी, वरिष्ठ अधिकारी तथा विशेषज्ञों ने एसकेएमसीएच सहित मुजफ्फरपुर का दौरा किया और हालात का जायजा लिया।
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