सिंघु बॉर्डर हत्याकांड: अब तक 4 आरोपियों ने किया सरेंडर, कोर्ट ने एक को 7 दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा
सिंघु बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन स्थल पर बने मंच के पास हुई दलित शख्स लखबीर सिंह की हत्या के मामले में शनिवार को तीन आरोपियों ने सरेंडर किया। इन तीनों सहित अब तक चार आरोपी सरेंडर कर चुके हैं। एक ने शुक्रवार को सरेंडर किया था।
नई दिल्ली: सिंघु बॉर्डर पर किसानों के आंदोलन स्थल पर बने मंच के पास हुई दलित शख्स लखबीर सिंह की हत्या के मामले में शनिवार को तीन आरोपियों ने सरेंडर किया। इन तीनों सहित अब तक चार आरोपी सरेंडर कर चुके हैं। एक आरोपी निहंग सरबजीत सिंह ने शुक्रवार को सरेंडर किया था, जिसे शनिवार को कोर्ट में पेश किया गया और कोर्ट ने उसे 7 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया। इसके बाद अब सिंघु बॉर्डर हुई दलित शख्स की हत्या मामले में शनिवार को कुल तीन आरोपियों ने सरेंडर किया, जिनके नाम नारायण सिंह, भगवंत सिंह और गोविंद सिंह हैं। यह भी निहंग हैं।
पीट-पीट कर की हत्या, हाथ काटा
सिंघु बॉर्डर पर 15 अक्टूबर की सुबह करीब साढ़े तीन बजे दलित शख्स की पीट-पीट कर हत्या की गई और उसका हाथ काट दिया गया। उसके शरीर को भी धातु के तार से बांध दिया गया था। इस घटना के लिए कथित रूप से निहंगों के एक समूह को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल हुई एक वीडियो क्लिप में कुछ निहंगों को जमीन पर खून से लथपथ पड़े एक व्यक्ति के पास खड़े हुए देखा गया है और उसका बायां हाथ कटा हुआ पड़ा है। निहंगों को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि मृतक को सिखों की पवित्र किताब की बेअदबी के लिए सजा दी गयी है।
वीडियो क्लिप में दिख रहा है कि निहंग उस व्यक्ति से पूछ रहे हैं कि वह कहां से आया है। व्यक्ति को मरने से पहले पंजाबी में कुछ कहते हुए और निहंगों से माफ करने की गुहार लगाते हुए सुना जा सकता है। वीडियो में दिखाई देता है कि निहंग लगातार उससे पूछ रहे हैं कि बेअदबी करने के लिए किसने उसे भेजा था। उनमें से एक व्यक्ति यह कहते सुनाई दे रहा है कि व्यक्ति ‘पंजाबी’ है न कि बाहरी और इस मुद्दे को हिंदू-सिख का रंग नहीं दिया जाना चाहिए। जबकि अन्य धार्मिक नारे लगा रहे हैं।
कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली से लगती सीमाओं पर तीन स्थानों पर प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के साझा मंच संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने बताया कि इस नृशंस हत्या की जिम्मेदारी निहंगों के समूह ने ली है। उनका दावा है कि मृतक ने सिखों की पवित्र किताब सरबलोह ग्रंथ की बेअदबी करने की कोशिश की थी। वरिष्ठ किसान नेता अभिमन्यु कोहर ने बताया कि निहंगों के समूह ने कथित तौर पर उस व्यक्ति की हत्या की है और वे एसकेएम के प्रदर्शन का हिस्सा नहीं है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
उन्होंने दावा किया कि मृतक कुछ समय से निहंगों के उसी समूह के साथ रह रहा था। पुलिस ने बताया कि मृतक लखबीर सिंह पंजाब के तरण तारण जिले के चीमा खुर्द का रहने वाला था और पेशे से मजदूर था। उसकी आयु 35 वर्ष के आसपास है। उसका शव धातु के एक अवरोधक से बंधा हुआ मिला जो केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 10 महीनों से आंदोलन कर रहे किसानों द्वारा बनाए एक मंच के नजदीक है। किसानों का प्रदर्शन स्थल दिल्ली-हरियाणा सीमा के पास सिंघू बार्डर पर स्थित है।
मृतक लखबीर सिंह के परिवार ने शनिवार को कहा कि वह ईश्वर से डरने वाले व्यक्ति थे, जो कभी भी पवित्र ग्रंथ की बेअदबी करने के बारे में सोच भी नहीं सकते थे। लखबीर के परिवार ने सच्चाई सामने लाने के लिए उच्चस्तरीय जांच की मांग की। लखबीर की पत्नी जसप्रीत कौर और 12, 11 तथा 8 साल की 3 बेटियां पवित्र शहर अमृतसर से करीब 50 किमी दूर गांव चीमा कलां में एक छोटे से कच्चे मकान में रहती हैं। उनके बेटे की 2 साल पहले मौत हो गई थी।
गौरतलब है कि पिछले साल सितंबर में केंद्र द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर हजारों की संख्या में किसान दिल्ली सीमा के तीन बिंदुओ- टिकरी, सिंघू और गाजीपुर- पर गत 10 महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं। इन किसानों में अधिकतर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हैं।