नई दिल्ली: रेलवे ने शनिवार को कहा कि उसके पास पाकिस्तान से ट्रेन को अटारी आने देने के लिए इजाजत नहीं है जिससे उसमें 130 सिख श्रद्धालुओं को तीर्थयात्रा के लिए लाहौर ले जाया जा सके। इससे एक दिन पहले पड़ोसी राष्ट्र ने आरोप लगाया था कि भारत ने उसकी ट्रेन को सीमा पार करने की इजाजत देने से इनकार कर दिया था। अधिकारियों ने कहा कि इस तरह की मंजूरी आम तौर पर एक देश के विदेश मंत्रालय द्वारा दूसरे देश के विदेश मंत्रालय द्वारा मांगी जाती है।
पाकिस्तान ने करीब 200 भारतीय सिखों को सिखों के पांचवें गुरु अर्जुन देव की पुण्यतिथि पर शुक्रवार को पाकिस्तानी ट्रेन द्वारा लाहौर में आयोजित होने वाले शहीदी जोड़ मेले में शामिल होने के लिए वीजा जारी किया था। अटारी रेलवे स्टेशन पर उन्हें बताया गया कि भारतीय अधिकारियों द्वारा वाघा से आ रही ट्रेन को स्टेशन पर आने की इजाजत नहीं है जिससे वे ट्रेन में सवार हो सकें। उत्तरी रेलवे के प्रवक्ता दीपक कुमार ने बताया, “हमें अटारी स्टेशन पर ट्रेन के संचालन की इजाजत नहीं है।”
इससे पहले शुक्रवार को अमृतसर में यूनाइटेड अकाली दल के महासचिव परमजीत सिंह जिजानी ने भी दावा किया कि भारतीय रेलवे ने पाकिस्तान से आने वाली विशेष ट्रेन को अटारी रेलवे स्टेशन में प्रवेश करने की इजाजत नहीं दी जिससे 130 यात्री लाहौर जाने वाले थे। वह पाकिस्तान जा रहे सिख समूह की अगुवाई कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान दूतावास ने लाहौर एवं करतारपुर साहिब गुरुद्वारा समेत पड़ोसी देश के कुछ अन्य सिख धर्मस्थलों पर जाने के लिए सभी 130 सिख सदस्यों को पहले ही सात दिनों का वीजा जारी कर दिया था।
इस बीच भारत ने शहीदी जोड़ मेले में शामिल होने के लिए पड़ोसी देश जाने की इच्छा रखने वाले 87 भारतीय तीर्थयात्रियों को वीजा देने से इनकार करने पर पाकिस्तान से कड़ा ऐतराज जताया है। सूत्रों ने कहा कि जिन यात्रियों को वीजा नहीं दिया गया वे आधिकारिक जत्थे का हिस्सा थे, जबकि भारतीय तीर्थयात्रियों के निजी समूह को सीमित वीजा दिया गया।
सूत्रों ने कहा कि विदेश मंत्रालय ने 87 श्रद्धालुओं के आधिकारिक जत्थे को पाकिस्तान सरकार द्वारा वीजा नहीं जारी करने पर कड़ा प्रतिरोध दर्ज कराया है। ये लोग सात जून को शहीदी जोड़ मेले में हिस्सा लेने पाकिस्तान जाना चाहते थे।
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