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Hindi News भारत राष्ट्रीय 'NDA ने सत्ता का 'किला' जीता लेकिन गंवा दिए दो शेर', शिवसेना ने 'सामना' में लिखा

'NDA ने सत्ता का 'किला' जीता लेकिन गंवा दिए दो शेर', शिवसेना ने 'सामना' में लिखा

शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) पर जोरदार हमला बोला। संपादकीय में शिवसेना ने अकाली दल के कंधे पर बंदूक रखकर NDA को निशाना बनाया।

'सामना' के कार्यकारी संपादक और शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत- India TV Hindi Image Source : PTI 'सामना' के कार्यकारी संपादक और शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत

मुंबई: शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) पर जोरदार हमला बोला। संपादकीय में शिवसेना ने अकाली दल के कंधे पर बंदूक रखकर NDA को निशाना बनाया। लेख में लिखा गया, "पंजाब के अकाली दल ने भी NDA छोड़ दिया है। चलो अच्छा हुआ पीछा छूटा की तर्ज पर उनका इस्तीफा तुरंत स्वीकार कर लिया गया। उन्हें लगा था कि उनसे कहा जाएगा कि वह विचलित न हों, ऐसा कदम न उठाएं लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।"

संपादकीय में आगे लिखा गया, "केंद्र सरकार की सत्ता हाथ में है तो कुछ भी असंभव नहीं है, लेकिन सत्ता का ‘किला’ भले जीत लिया हो पर वह NDA के दो शेरों को गंवा चुके हैं, इस तथ्य से कैसे इनकार किया जा सकता है?" बता दें कि साल 2019 में महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर BJP और शिवसेना के बीच तकरार होने के बाद शिवसेना ने NDA से किनारा कर लिया था और अब कृषि विधेयकों (जो अब कानून बन गया है) को लेकर अकाली दल ने NDA छोड़ दिया।

शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में कहा गया है कि यह अजीब है कि राजग के 'अंतिम स्तंभ' अकाली दल को गठबंधन से हटने से नहीं रोका गया । संपादकीय में कहा गया है, ‘‘जब बादल (राजग से) हटे तो उन्हें रोकने की कोई कोशिश नहीं की गयी। इससे पहले शिवसेना भी राजग से हटी । इन दोनों हटने के बाद राजग में अब बचा क्या है? जो अब भी गठबंधन में हैं उनका क्या हिंदुत्व से क्या कोई लेना देना है?’’

संपादकीय में कहा गया है, ‘‘पंजाब और महाराष्ट्र वीरता का प्रतिनिधित्व करते हैं तथा शिअद एवं शिवसेना इस वीरता एवं बहादुरी का चेहरा हैं।’’ संपादकीय में कहा गया है, ‘‘अब जब कुछ ने इस गठबंधन को 'राम—राम' (अलविदा) कह दिया है और इसलिये राजग में अब राम नहीं बचे हैं जिसने अपने दो शेर (शिवसेना एवं शिअद) खो दिये हैं।’’

संसद में कृषि विधेयकों के पारित किये जाने के विरोध में अकाली दल ने शनिवार को राजग से नाता तोड़ लिया। शिवसेना एवं तेलुगु देशम पार्टी के बाद हाल के समय में राजग से गठबंधन तोड़ने वाला अकाली दल तीसरा बड़ा घटक है।

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