नई दिल्ली: क्या दिल्ली का शाहीन बाग खाली हो रहा है? क्या शाहीन बाग के टेंट में सिर्फ 10 महिलाएं बची हैं? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि ट्विटर पर कल से ही #ShaheenBaghEmpty ट्रेंड हो रहा है। इंडिया टीवी की दो संवाददाता मीनाक्षी जोशी और दीक्षा पांडेय आज सुबह शाहीन बाग की महिलाओं से बात करने की कोशिश की लेकिन उन्हें शाहीन बाग के आयोजकों ने रिपोर्टिंग करने से रोक दिया।
बताया जा रहा है कि शाहीन बाग में प्रदर्शनकारियों को विरोध जताने के लिए प्रतिदिन घर छोड़कर प्रदर्शनस्थल आने में मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। वहीं शाहीन बाग में ढाई महीने से ज्यादा वक्त से बंद रास्ते के खुलने की आस जगी है। धरने पर बैठे 80 फीसदी प्रदर्शनकारी रास्ते को खाली करने पर सहमत बताए जाते हैं, जबकि 20 फीसदी अब भी इसे खाली न करने पर अड़े हैं।
इलाके के बुद्धिजीवी और मस्जिद के इमाम ऐसे प्रदर्शनकारियों को रास्ता खाली करने के लिए मनाने में लगे हैं। इस मुद्दे पर धरना स्थल के पास कई बैठकें हो चुकी हैं। माना जा रहा है कि कई लाख लोगों की परेशानी को देखते हुए होली से पहले नोएडा-फरीदाबाद जाने वालों को यह रास्ता वापस मिल सकता है।
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