नई दिल्ली। शाहीन बाग में CAA के खिलाफ प्रदर्शन जारी है। लंबे समय से सड़क अवरुद्ध कर जारी इस प्रदर्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने भी सुनवाई की, इससे पहले शाहीन बाग की दादी ने मंच से ऐलान किया कि सुप्रीम कोर्ट का जो भी फैसला होगा वो हमें मंज़ूर होगा, हम बातचीत के लिये तैयार है। शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रहे लोगों से बातचीत के लिए सुप्रीम कोर्ट ने संजय हेगड़े, साधना रामचंद्रन और वजाहत हबीबुल्लाह को वार्ताकार नियुक्त किया है। इन तीनों को शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को समझाने के लिए एक हफ्ते का समय दिया गया है।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोगों को एक कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने का अधिकार है, लेकिन सवाल आंदोलन की जगह का है। न्यायालय ने कहा कि उसे चिंता इस बात की है कि यदि लोग सड़कों पर प्रदर्शन करने लगेंगे तो क्या होगा, संतुलन का एक कारक होना जरूरी है। लोगों को प्रदर्शन करने का बुनियादी अधिकार है लेकिन जो बात हमें परेशान कर रही है, वह है सार्वजनिक सड़कों को अवरूद्ध करना।
शाहीन बाग प्रदर्शन पर न्यायालय ने कहा कि लोकतंत्र विचारों की अभिव्यक्ति से चलता है लेकिन इसके लिए भी सीमाएं हैं। वरिष्ठ वकीलों को शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए नियुक्त करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि कोई उपाय न निकला तो हम स्थिति से निपटने का जिम्मा अधिकारियों पर छोड़ देंगे। सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि एक ऐसा संदेश न जाए कि हर संस्था शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को मनाने की कोशिश कर रही है।
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