नई दिल्ली: एक ओर सरकार जहां कश्मीर घाटी में शांति की पहल कर रही है, वहीं दूसरी ओर शनिवार को जो हुआ उसने इस शांति प्रक्रिया को एक बड़ा झटका दिया है। शोपियां में शनिवार को करीब 200 पत्थरबाजों ने सेना के काफिले को घेर लिया, बचाव में सेना की फायरिंग में दो नागरिकों की मौत हो गई तो वहीं सात अन्य घायल हो गए। भीड़ ने सेना के एक अधिकारी को घेरकर मारने और कई गाड़ियों को जलाने का प्रयास भी किया।
इस वाकये से गुस्साईं जम्मू-कश्मीर की सीएम महबूबा मुफ्ती ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से बात की और कहा कि हर एक नागरिक की मौत पर घाटी में चल रही शांति वार्ता को झटका लगता है। एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि रक्षा मंत्री ने सीएम मुफ्ती को आश्वस्त किया कि वह इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट मांगेंगी और आर्मी को निर्देश देंगी कि भविष्य में ऐसी घटना दोबारा नहीं होनी चाहिए।
इससे पहले सेना के एक प्रवक्ता ने बताया, 'सेना का एक काफिले पर करीब 100-150 पत्थरबाजों ने हमला कर दिया और बाद में उनकी संख्या बढ़कर 200-250 तक पहुंच गई। भीड़ ने सेना की चार गाड़ियों को भारी नुकसान पहुंचाया और जलाने की कोशिश की। उग्र भीड़ ने सेना के एक अधिकारी को घेरकर जान से मारने और उनके हथियार छीनने की कोशिश भी की गई थी।'
पीआरओ ने बताया कि घिर जाने के बाद मजबूरी में सेना को जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी। उन्होंने बताया, 'अधिकारी को भीड़ का शिकार होने से और सरकारी गाड़ियों को जलने से बचाने के लिए सेना ने कार्रवाई की। इसमें बुलेट्स लगने से करीब सात लोग घायल हुए और दो नागरिकों की मौत हो गई। इसके अलावा 11 गाड़ियों को भी नुकसान हुआ है।' सेना की इस कार्रवाई के विरोध में हुर्रियत ने रविवार को कश्मीर बंद बुलाया है। घाटी में इंटरनेट सेवाएं शनिवार से बाधित है।
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