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Hindi News भारत राष्ट्रीय डेंगू का भी प्रकोप होने से गहरा सकता है कोविड-19 संकट, वैज्ञानिकों ने जताई चिंता

डेंगू का भी प्रकोप होने से गहरा सकता है कोविड-19 संकट, वैज्ञानिकों ने जताई चिंता

मॉनसून के आगमन के साथ ही देश के बड़े हिस्से में डेंगू फैलने की आशंका के बीच वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि मच्छर जनित यह रोग और कोविड-19 के एक जैसे लक्षण हैं।

Season of two viruses? Scientists worried that dengue outbreak may aggravate COVID-19 crisis- India TV Hindi Image Source : FILE Season of two viruses? Scientists worried that dengue outbreak may aggravate COVID-19 crisis

नयी दिल्ली: मॉनसून के आगमन के साथ ही देश के बड़े हिस्से में डेंगू फैलने की आशंका के बीच वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि मच्छर जनित यह रोग और कोविड-19 के एक जैसे लक्षण हैं। साथ ही इन वैज्ञानिकों ने यह चिंता भी जताई है कि इस दोहरी चुनौती से निपटने में देश का स्वास्थ्य ढांचा सक्षम नहीं होगा। इन दोनों रोगों की अलग-अलग जांच की जरूरत होती है और ये दोनों रोग एक दूसरे को कहीं अधिक जटिल बना देंगे। शुक्रवार को कोरोना वायरस के संक्रमण के 21,604 नये मामले सामने आने के साथ ही देश में कोविड-19 मामलों की संख्या आठ लाख के नजदीक पहुंच गई है। 

विषाणुविज्ञानी शाहिद जमील ने 2016-19 के डेटा के आधार पर अनुमान लगाया है कि भारत में हर साल डेंगू के करीब एक लाख से लेकर दो लाख मामले सामने आते हैं। नेशनल वेक्टर बोर्न डिजिट कंट्रोल प्रोगाम के मुताबिक, 2019 में जांच में डेंगू के 1,36,422 मामले सामने आये थे और करीब 132 लोगों की मौत हुई थी। लोक परमार्थ संस्था डीबीटी/वेलकम ट्रस्ट इंडिया अलायंस के सीईओ जमील ने कहा, ‘‘यह विषाणु स्थानिक है और दक्षिण भारत में पूरे वर्ष पाया जाता है तथा मॉनसून के दौरान और शीत ऋतु की शुरूआत में उत्तरी भारत में इसकी मौजूदगी पाई जाती है। ’’ 

दोनों रोगों में तेज बुखार, सिरदर्द और शरीर में दर्द के लक्षण होते हैं। कोलकाता स्थित एमिटी विश्वविद्यालय के कुलपति एवं विषाणु विज्ञानी धुव्रज्योति चटोपाध्याय ने चेतावनी दी कि डेंगू का प्रकोप बढ़ने से कोविड-19 संकट गहरा सकता है क्योंकि दोनों वायरस एक दूसरे के लिये सहायक साबित हो सकते हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इस स्थिति का अब तक अध्ययन नहीं किया गया है। लेकिन दक्षिण अमेरिका से उपलब्ध सूचना खतरनाक स्थिति की ओर संकेत करती है। 

उन्होंने कहा, ‘‘इसका प्रभाव बहुत गंभीर होगा। मुख्य लक्षण एक जैसे हैं , ऐसे में एक ही समय पर दोनों संक्रमण होना कहीं अधिक घातक होगा। कमजोर हो चुकी प्रतिरक्षा प्रणाली दूसरे विषाणु को कहीं अधिक घातक बना देगी। ’’ सीएसआईआर-आईआईसीबी की विषाणु विज्ञानी उपासना राय ने कहा कि डेंगू का मौसम शुरू होने के बाद संक्रमण तेजी से फैलेगा। 

उन्होंने कहा, ‘‘हर साल हम डेंगू के प्रकोप के कारण अस्पतालों में मरीजों की भीड़ पाते हैं। इसलिए हमें सोचना होगा कि क्या होगा जब दोनों रोगों से एक साथ निपटना पड़ेगा? दोनों रोगों के एक जैसे लक्षण हैं। क्या हम यह पता लगा पाने के लिये तैयार हैं कि कौन डेंगू का मरीज है और कौन कोविड-19 का।’’ 

उन्होंने सवाल किया, ‘‘कोविड-19 मरीजों की मौजूदा संख्या को देखते हुए क्या हमारे अस्पतालों में डेंगू के रोगियों के लिये बिस्तर उपलब्घ हैं? उन्होंने कहा कि डेंगू का प्रकोप पूरी तरह से शुरू हो जाने से पहले देश में इससे निपटने के लिये सावधानी पूर्वक तैयारी कर लिये जाने की जरूरत है। 

उन्होंने सवाल किया, ‘‘डेंगू और कोविड-19, दोनों से निपटने के लिये क्या हमारे पास पर्याप्त संख्या में आईसीयू (गहन चिकित्सा इकाई) और सीसीयू (नाजुक देखभाल इकाई) हैं ? क्या पर्याप्त संख्या में प्रशिक्षित कर्मी है ?’’ उन्होंने कहा कि आगामी स्थिति से निपटने के लिये स्वास्थ्य सुविधा मजबूत करने एवं अनुसंधान में तेजी लाने की जरूरत है। 

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