उज्जैन: मध्य प्रदेश उज्जैन जिले में महिदपुर के एसडीएम ने अपने क्षेत्र की ग्राम पंचायतों को आदेश दिया कि गांव में किसी भी दलित परिवार में शादी या बाहर से बारात आने के तीन दिन पूर्व इसकी जानकारी निकट के पुलिस थाने में दी जाये। हालांकि दलित संगठनों के विरोध के बाद उज्जैन कलेक्टर ने इस आदेश को तुरंत प्रभाव से निरस्त कर दिया है।
जिले के महिदपुर के अनुविभागीय दंडाधिकारी :एसडीएम: ने 16 अप्रैल को तहसील के सभी पंचायत सचिवो को आदेश जारी किया था कि विगत वर्षो के अनुभव और वर्तमान में नाग गुराड़िया गांव की घटना को देखते हुए समस्त ग्राम पंचायतों के सचिवों को निर्देशित किया जाता है कि उनके ग्राम पंचायत क्षेत्र में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़े वर्ग के परिवारों में विवाह कार्यक्रम होते हैं अथवा बारात बाहर से आती है तो इस आशय की सूचना तीन पहले अथवा बारात में कोई घटना घटित होती है तो तत्काल संबंधित क्षेत्र के थाना प्रभारी को लिखित में दिया जाना सुनिश्चत करें।
महिदपुर एस डी एम जगदीश गोमे ने बताया कि 14 अप्रैल को ग्राम नाग गुराड़िया में बलाई समाज़ की एक बारात को रात में विभिन्न उच्च जातियों के कुछ लोगों ने रोका था। इस घटना की शिकायत होने पर जांच की गयी और मामले में 17 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज गया। इसी घटना को देखते हुए आगे ऐसी घटना न हो एहतियातन यह आदेश आदेश जारी किया गया था। हालांकि एसडीएम के इस आदेश के बाद दलित संगठनों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया और एस डी एम के ख़िलाफ़ कारवाही की मांग की है। इसबीच, उज्जैन के कलेक्टर मनीष सिंह ने बताया, ‘‘एसडीएम के इस आदेश को तुरंत प्रभाव से निरस्त करने का आदेश पारित कर दिया गया है।’’
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