नई दिल्ली: एम्स में चरणबद्ध तरीके से ओपीडी सेवा बहाल करने की तैयारी चल रही है और इसमें आने वाले मरीजों में इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी और कोविड-19 के लक्षण वाले रोगियों की पहचान कर उन्हें अलग करने के लिए एक स्क्रीनिंग क्षेत्र बनाया जाएगा। एम्स की मुख्य प्रवक्ता डॉ आरती विज के अनुसार अस्पताल में कोविड-19 के मद्देनजर ओपीडी को नया स्वरूप प्रदान करने की प्रक्रिया चल रही है।
उन्होंने कहा कि इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी और कोविड-19 के संदिग्धों का पता लगाकर उन्हें अलग करने के लिए एक स्क्रीनिंग ओपीडी शुरू करने की तैयारी जोरों पर है। इसके बाद ही रोगियों को मुख्य ओपीडी में भेजा जाएगा।
डॉ विज ने कहा, ‘‘जो रोगी कोविड-19 से संक्रमित नहीं हैं , उन्हें और स्वास्थ्य कर्मियों को संक्रमण से बचाने के लिए सभी यथासंभव रोकथाम उपायों के तहत ऐसा किया जा रहा है। हवा की उचित आवाजाही के लिए भी कदम उठाये जा रहे हैं। चूंकि हम ओपीडी में बदलाव कर रहे हैं, इसलिए कुछ दिन और लगेंगे।’’
एम्स ने कोविड-19 के प्रकोप की रोकथाम में अपने सभी संसाधनों को लगाने के प्रयास के तहत करीब एक महीने पहले ओपीडी सेवाओं को बंद कर दिया था तथा ऐसी सभी सर्जरियों पर भी रोक लगा दी जो बाद में की जा सकती हैं।
डॉ विज ने कहा कि अस्पताल ने स्वास्थ्य सेवाओं को चरणबद्ध तरीके से बहाल करने के लिहाज से रणनीति बनाने के लिए एक समिति का गठन किया है। संस्थान में बड़ी संख्या में कर्मियों और रोगी देखभाल सुविधाओं को कोविड-19 के रोगियों की सेवा में लगाया गया है।
एम्स ट्रोमा सेंटर को तो पूरी तरह समर्पित कोविड-19 अस्पताल बनाया गया है वहीं एनसीआई झज्जर में भी कोरोना वायरस के रोगियों का इलाज किया जा रहा है। डॉ विज ने कहा कि एम्स के डॉक्टर उन सभी रोगियों को फोन से परामर्श दे रहे हैं जिन्हें यहां आना था। सभी विभागों में हर दिन कुल करीब एक हजार लोगों को फोन पर परामर्श दिया जा रहा है और यह संख्या बढ़ रही है।
Latest India News