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Hindi News भारत राष्ट्रीय लॉकडाउन का असर, देश में 23 फीसदी लोगों की दृष्टि क्षमता हुई कमजोर: स्टडी

लॉकडाउन का असर, देश में 23 फीसदी लोगों की दृष्टि क्षमता हुई कमजोर: स्टडी

कोरोनावायरस लॉकडाउन के कारण दफ्तर का ऑनलाइन काम, ऑनलाइन पढ़ाई, ज्यादातर समय टीवी देखने की वजह से आंखों की दृष्टि क्षमता प्रभावित हुई है।

लॉकडाउन का असर, देश में 23 फीसदी लोगों की दृष्टि क्षमता हुई कमजोर: स्टडी- India TV Hindi Image Source : PIXABAY लॉकडाउन का असर, देश में 23 फीसदी लोगों की दृष्टि क्षमता हुई कमजोर: स्टडी

नई दिल्ली: कोरोनावायरस लॉकडाउन के कारण दफ्तर का ऑनलाइन काम, ऑनलाइन पढ़ाई, ज्यादातर समय टीवी देखने की वजह से आंखों की दृष्टि क्षमता भी प्रभावित हुई है। एक स्टडी के मुताबिक दुनिया भर में सबसे ज्यादा भारतीयों की दृष्टि क्षमता पर असर पड़ा है। 

 एक स्टडी के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान अधिक समय तक स्क्रीन के सामने बैठने से भारत में करीब 27.5 करोड़ लोग यानी करीब 23 प्रतिशत आबादी की दृष्टि क्षमता  प्रभावित हुई है। हालांकि इन प्रभावित लोगों में ऐसे लोग भी शामिल हैं जो कैट्रैक्टर, ग्लूकोमा या फिर उम्र संबंधी आंखों की समस्या से ग्रसित रहे हैं। 

वर्ष 2020 में प्रति यूजर भारत में औसत स्क्रीन टाइम 6 घंटा 36 मिनट रहा जो कि कई देशों के मुकाबले कम रहा है, लेकिन एक बड़ी आबादी इससे प्रभावित हुई है। फिलिपीन्स में प्रति यूजर औसत स्क्रीन टाइम 10.56 घंटा, ब्राजील में 10.8 घंटा, साउथ अफ्रीका में 10.06 घंटा, अमेरिका में 07.11 घंटा और न्यूजीलैंड में 06.39 प्रति घंटा रहा है, लेकिन भारत की आबादी ज्यादा होने के कारण यहां एक बड़ी आबादी की दृष्टि क्षमता पर असर पड़ा है।

स्टडी में पाया गया कि लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के चलते लोग घरों में ही कैद रहे। ये एक बड़ी वजह रही जिसके चलते लोगों ने मोबाइल, टीवी या लैपटॉप की स्क्रीन पर ज्यादा टाइम दिया और उनकी दृष्टि क्षमता प्रभावित हुई। यह स्टडी यूके की फील गुड कॉन्टैक्ट ने किया। इसने लान्सेट ग्लोबल हेल्थ, डब्ल्यूएचओ और स्क्रीन टाइम ट्रैकर से डेटा इकट्ठा किया था।

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