नयी दिल्ली: केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने आज कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार में स्कूल के स्तर पर मुस्लिम लड़कियों के पढ़ाई छोड़ने (स्कूल ड्रापआउट) की दर 70 प्रतिशत से घटकर 40 प्रतिशत तक पहुंच गई है। नकवी ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ‘मदरसों पर ताला’ नहीं बल्कि ‘तालीम की माला’ चाहती है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे प्रयासों का नतीजा है कि चार साल पहले मुस्लिम लड़कियों के स्कूल ड्रापआउट की दर 70-72% थी, वह अब 40-42 प्रतिशत हो गई है। हम इसे शून्य प्रतिशत करना चाहते हैं।’’ वह अल्पसंख्यक मंत्रालय और जामिया मिलिया इस्लामिया द्वारा संयुक्त रूप से मदरसा छात्रों एवं स्कूल ड्राप आउट के लिए चलाये जा रहे ‘ब्रिज कोर्स’ में उत्तीर्ण छात्र/छात्राओं को प्रमाणपत्र वितरित किए जाने के मौके पर बोल रहे थे।
नकवी ने कहा, ‘‘अल्पसंख्यक मंत्रालय द्वारा स्कूल ड्रॉपआउट और मदरसों में शिक्षा ले रहे छात्र-छात्राओं के शैक्षिक सशक्तिकरण के लिए शुरू किये गए "3T" -टीचर, टिफिन, टॉयलेट - अभियान को जबरदस्त कामयाबी मिली है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘केंद्र की मोदी सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों सहित समाज के सभी जरूरतमंदों के शैक्षिक सशक्तिकरण की दिशा में किये गए प्रयासों का नतीजा है कि आज अल्पसंख्यक समुदाय के युवा मुख्यधारा की शिक्षा ग्रहण कर बेहतर रोजगार के अवसर प्राप्त कर रहे हैं।’’
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