आज भी दिखेगा दलित आंदोलन का असर, कई शहरो में स्कूल, कॉलिज, इंटरनेट रहेंगे बंद
सोमवार को देश के अलग अलग हिस्सों में हुई हिंसा में करीब 9 लोगों की मौत हो गई।
नई दिल्ली: अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में दलित संगठनों के राष्ट्रव्यापी बंद के बाद हुई हिंसा के मद्देनजर प्रशासन ने मंगलवार को भी सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। प्रशासन नें कई शहर जिनमें सोमवार को बंद के दौरान हिंसा देखने को मिली थी वहां आज स्कूल कॉलेज बंद रखने के निर्देश दिए हैं। प्रशासन ने हापुर, आगरा, मेरठ गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर और मुरैना के सभी स्कूल कॉलेज बंद रखने के निर्देश दिए हैं।
सोमवार को हुई हिंसा के देखते हुए पुलिस प्रशासन कहीं भी ढिलाई बरतता नहीं दिखना चाहता है। सोमवार को बंद के दौरान हुई हिंसा में कम-से-कम नौ लोगों की मौत हो गई और अनेक घायल हुए। अधिकारियों के मुताबिक अकेले मध्य प्रदेश में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच हुई गोलीबारी में कम-से-कम छह लोगों की मौत हो गयी। उत्तर प्रदेश में दो और राजस्थान से एक व्यक्ति की मौत की खबर मिली है। देश में कई स्थानों पर कर्फ्यू लागू कर दिया गया और सैकड़ों लोगों को हिरासत में लिया गया। पंजाब में सेना और अर्धसैनिक बलों को तैयार रखा गया था। मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में 800 दंगारोधी पुलिसकर्मियों को भेजा है। कई राज्यों में परिवहन, मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं के साथ कम-से-कम 100 रेलगाड़ियों का परिचालन प्रभावित हुआ।
वहीं, केंद्र ने उच्चतम न्यायालय से एससी/एसटी कानून पर दिये गए अपने हालिया फैसले की समीक्षा करने का आग्रह किया है। सरकार का कहना है कि शीर्ष न्यायालय के फैसले से इस समुदाय के संवैधानिक अधिकारों का हनन होगा। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक व्यक्ति की मौत हो गयी, जबकि मेरठ में एक व्यक्ति हिंसा का शिकार बन गया। राज्य के विभिन्न हिस्सों में हुए हिंसक प्रदर्शनों में 40 पुलिसकर्मियों सहित करीब 75 लोग जख्मी हो गए। पुलिस ने वहां करीब 450 लोगों को हिरासत में लिया है।
राजस्थान के अलवर में प्रदर्शन के हिंसक रूप ले लेने से एक व्यक्ति की मौत हो गयी और नौ पुलिसकर्मियों सहित 26 अन्य जख्मी हो गए।