क्या कहना है याकूब के वकील का
याकूब मेमन के वकील राजू रामचंद्रन ने सुुप्रीम कोर्ट के सामने दलील दी कि टाडा कोर्ट ने 30 अप्रैल को डेथ वारंट जारी करते हुए याकूब की फांसी 90 दिन बाद 30 जुलाई को मुकर्रर किया था लेकिन सरकार ने याकूब को 13 जुलाई को इसकी जानकारी दी। उन्होंने याकूब को जानकारी देने में हुई देरी पर सवाल उठाया।
तीन जजों की बेंच के गठन पर भी सवाल उठाया
याकूब के क्यूरेटिव याचिका पर सुनवाई करने वाली तीन जजों की बेंच के गठन पर भी सवाल उठाया हैं। याकूब की वकील ने इसे सुप्रीम कोर्ट के नियमों का उल्लंघन बताया । याकूब के वकील की दलील थी कि नियमों के मुताबिक क्युरेटिव पेटिशन पर सुप्रीम कोर्ट के तीन सीनियर जजों के अलावे इस मामले में सुनवाई कर चुके जजों को भी शामिल किया जाना चाहिए था।
मंगलवार की सुनवाई पर इस मामले के सभी तकनीकि पहलुओं पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट याकूब मेमन की फांसी पर फैसला देगा
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