नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय न्यायाधीशों की समिति (कॉलेजियम) ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के एम जोसेफ को शीर्ष अदालत में पदोन्नति देने की सिफारिश पर फिर से विचार के मुद्दे पर आज अपना निर्णय टाल दिया। सरकार ने जस्टिस जोसेफ की फाइल पुनर्विचार के लिए लौटा दी थी।
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा और कॉलेजियम के अन्य सदस्यों - जस्टिस जे चेलामेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन बी लोकूर और जस्टिस कुरियन जोसेफ ने आज शाम हुई बैठक में हिस्सा लिया। कॉलेजियम के प्रस्ताव में कहा गया कि इसकी बैठक में जिस एजेण्डे पर विचार हुआ उसमें भारत सरकार के विधि एवं न्याय मंत्रालय से 26 और 30 अप्रैल , 2018 के पत्रों के आलोक में उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के एम जोसेफ के मामले पर पुन: विचार करना और निष्पक्ष प्रतिनिधित्व की अवधारणा के मद्देनजर शीर्ष अदालत में पदोन्नति के लिये कलकत्ता, राजस्थान तथा तेलंगाना एवं आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के नामों पर विचार करना शामिल था। इस संबंध में निर्णय आज स्थगित कर दिया गया। जस्टिस चेलामेश्वर हालांकि आज न्यायालय नहीं आए थे लेकिन उन्होंने इस बैठक में हिस्सा लिया।
एक अधिकारी ने बताया कि कॉलेजियम की बैठक में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के पत्रों पर विस्तार से चर्चा हुई। सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम ने दस जनवरी को जस्टिस जोसेफ को पदोन्नति देकर शीर्ष अदालत में न्यायाधीश बनाने और वरिष्ठ अधिवक्ता इन्दु मल्होत्रा को सीधे सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश बनाने की सिफारिश की थी। सरकार ने इन्दु मल्होत्रा के नाम को मंजूरी दे दी और जस्टिस जोसेफ के नाम पर फिर से विचार के लिये उनकी फाइल लौटा दी थी। चीफ जस्टिस ने 27 अप्रैल को इन्दु मल्होत्रा को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के पद की शपथ दिलाई थी।
सरकार ने उन्हें पदोन्नति देकर शीर्ष अदालत का न्यायाधीश बनाने पर विचार नहीं किया और कहा कि यह प्रस्ताव शीर्ष अदालत के मानदंडों के अनुरूप नहीं है। केन्द्र ने चीफ जस्टिस को दो पत्र लिखे थे और इसमें कहा था कि उच्चतर न्यायपालिका में पहले से ही केरल को पर्याप्त प्रतिनिधित्व मिला हुआ है। जस्टिस जोसेफ भी केरल से ही हैं। यही नहीं, केन्द्र ने उनकी वरिष्ठता पर भी सवाल उठाते हुये कहा है कि अखिल भारतीय स्तर पर हाईकोर्ट की वरिष्ठता की समेकित सूची में उनका 42 वां स्थान हैं।
जस्टिस जोसेफ जून के महीने में साठ साल के हो जायेंगे। वह जुलाई 2014 से उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश है। उन्हें 14 अक्तूबर, 2004 को केरल हाईकोर्ट का स्थाई न्यायाधीश बनाया गया था। जस्टिस चेलामेश्वर, जस्टिस लोकूर और जस्टिस कुरियन सहित कोलेजियम के सदस्यों ने जस्टिस जोसेफ के नाम को मंजूरी देने में हो रहे विलंब पर चिंता व्यक्त की थी।
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