नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजी के समन्वयक से कहा कि एनआरसी के मसौदे में नाम नहीं होने पर जिन लोगों ने अधिकारियों के समक्ष दावे दाखिल किये हैं,उनकी "असुविधा" कम करने के लिए वह कदम उठाए। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन की पीठ ने राज्य एनआरसी के समन्वयक प्रतीक हजेला के उन प्रतिवेदनों पर संज्ञान लिया कि छूट गए लोगों के नागरिकता के दावे को ‘वंशावली’ और भूमि के रिकार्ड के आधार पर जांचा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि वंशावली के आधार पर दावों की जांच उन स्थानों के निकट की जा रही है जहां दावा करने वाले व्यक्ति के अधिकतर रिश्तेदार रह रहे हैं। पीठ ने मामले की अगली सुनवाई आठ मई के लिए सूचीबद्ध की है। साथ ही हजेला से एनआरसी को अंतिम रूप देने की दिशा में हुई प्रगति पर रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
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