नई दिल्ली: संयुक्त किसान मोर्चा की आज होनेवाली बैठक रद्द कर दी गई है, आज केवल पंजाब के 32 किसान संगठनों की बैठक होगी। संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक तय कार्यक्रम के मुताबिक 4 दिसंबर को होगी। इससे पहले केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) और अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए समिति गठित करने को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) से पांच लोगों के नाम मांगे हैं। किसान नेता दर्शनपाल बताया कि किसान संगठन इस मामले में चार दिसंबर को होने वाली बैठक में फैसला लेंगे।
सरकार की ओर से यह कदम ऐसे समय में सामने आया है, जब एक दिन पहले ही संसद के दोनों सदन में तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए विधेयक पारित किया गया है। किसान इन कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर पिछले एक साल से आंदोलनरत हैं। दर्शन पाल ने पीटीआई-भाषा से कहा, '' आज, केंद्र ने उस समिति के गठन के लिए एसकेएम से पांच नाम मांगे हैं, जोकि फसलों के लिए एमएसपी के मुद्दे पर विचार-विमर्श करेगी। हमने अभी नामों को लेकर फैसला नहीं लिया है। हम इस बारे में चार दिसंबर को होने वाली हमारी बैठक में निर्णय लेंगे।''
मोर्चा ने मंगलवार को जारी एक बयान में यह स्पष्ट किया कि लंबित मांगों और किसान आंदोलन के भविष्य के कदमों पर निर्णय लेने के लिए होने वाली बैठक बुधवार के बजाय चार दिसंबर को होगी। सोमवार को पंजाब के किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा था कि संयुक्त किसान मोर्चा ने आगे की कार्रवाई पर निर्णय लेने के लिए बुधवार को आपात बैठक बुलायी है। हालांकि, मोर्चा ने कहा, '' एसकेएम में शामिल सभी संगठन हालात का जायजा लेंगे और आंदोलन संबंधी आगामी कदमों के बारे में चार दिसंबर की बैठक में फैसला लेंगे, जैसा कि पहले उसने घोषणा की थी। एसकेएम इस बैठक की तारीख में अब कोई बदलाव नहीं होगा।''
एसकेएम ने कहा कि ये बैठक सिंघू बॉर्डर पर होगी। बयान में कहा गया कि हरियाणा के किसान संगठन लंबित मांगों और अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए बुधवार को बैठक करेंगे। किसान नेता और एसकेएम सदस्य अभिमन्यु कोहार ने पीटीआई-भाषा से कहा, '' संयुक्त किसान मोर्चा की कोई बैठक कल नहीं होगी। एसकेएम की चार दिसंबर को होने वाली बैठक में किसानों की सभी लंबित मांगों और केंद्र सरकार के रुख पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। हम बैठक में भविष्य की रणनीति तय करेंगे और उसी के अनुसार घोषणा करेंगे।''
इनपुट-भाषा
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