नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में कल हुई घटना के बाद से माहौल गर्म है। किसान नेता राकेश टिकैत पहले ही लखीमपुर खीरी पहुंच चुके हैं। उन्होंने सरकार के तुरंत केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा को हटाने की मांग की है। अब इस मसल पर दिल्ली में कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा का भी बयान सामने आया है। किसान मोर्चा ने इस मसले पर राष्ट्रपति को पत्र लिखा अजय मिश्रा को बर्खास्त करने सहित कई मांग की हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मांग की है कि अजय मिश्रा टेनी को तुरंत बर्खास्त किया जाए और उनके खिलाफ तुरंत हिंसा भड़काने और साम्प्रदायिकता फैलाने के आरोप में मामला दर्ज किया जाएगा। संयुक्त किसान मोर्चा ने अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा के खिलाफ भी मर्डर का मामला दर्ज करने और उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की है। किसान मोर्च ने राष्ट्रपति से इस पूरे मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के सुपरविजन में SIT से करवाए जाने की मांग की है। इसके अलावा उन्होंने हरियाणा के मंत्री मनोहर लाल खट्टर को भी उनके पद से हटाए जाने की मांग की है।
मौके पर जा रहे जा सभी विपक्षी नेता रोके गए
सोमवार को मौके पर जाने की कोशिश करने वाले सभी प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं को रोक दिया गया अथवा हिरासत में ले लिया गया। इस बीच, राज्य सरकार ने कहा है कि “विपक्षी दलों का 2022 के विधानसभा चुनाव का सफर लाशों पर नहीं हो सकता”। किसी को भी माहौल बिगाड़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को लखनऊ से लखीमपुर जाने से रोक दिया गया, जिसके बाद अखिलेश सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। बाद में उन्हें तथा पार्टी के मुख्य महासचिव रामगोपाल यादव को हिरासत में ले लिया गया।
इसके अलावा लखीमपुर खीरी जाने की कोशिश करने पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया के मुखिया शिवपाल सिंह यादव को हिरासत में ले लिया गया जबकि राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी और आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को रास्ते में अलग-अलग स्थानों पर रोक लिया गया। बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र को भी लखीमपुर जाने से रोका गया।
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