महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों में स्पष्ट बहुमत होने के बाद भी भाजपा और शिवसेना गठबंधन सरकार नहीं बना पाया है। मुख्यमंत्री पद की मांग पर अड़ी शिवसेना ने भाजपा से नाता तोड़ लिया है। शिवसेना अगले कुछ दिनों में कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन की घोषणा कर सकती है। इस बीच शिवसेना के बड़े नेता और पार्टी के व्यूह रचनाकार संजय राउत ने आज ट्वीट कर पिछले तीन दशकों से पार्टी की भागीदार रही भाजपा के साथ अलगाव का कारण बताया है।
संजय राउत ने ट्वीट कर कहा है कि कभी कभी कुछ रिश्तों से बाहर निकल आना ही अच्छा होता है। अहंकार के लिए नहीं... स्वाभिमान के लिए। बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा और शिवसेना ने अलग अलग चुनाव लड़ा था। लेकिन बाद में स्पष्ट बहुमत न मिल पाने के चले शिवसेना के साथ भाजपा ने गठबंधन कर लिया था। लोकसभा चुनाव भी दोनों पार्टियों ने एक साथ ही लड़ा था। विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले तक सब कुछ ठीक था। लेकिन पिछले एक महीने में पार्टी के बीच खाई गहरी होती गई।
शिवसेना भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के साथ एक बंद कमरे में हुई बैठक का हवाला देती आ रही है जिसमें 50-50 के फॉर्मूले पर कथित रूप से सहमति हुई थी। इसी के चलते शिवसेना महाराष्ट्र में शिवसेना का मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रही थी। वहीं भाजपा अपने निवर्तमान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को ही अपना मुख्यमंत्री घोषित करने पर अड़ी हुई थी।
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