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Hindi News भारत राष्ट्रीय "गोली चले, लाशें बिछ जाएं, राहुल गांधी यही चाहते थे", संबित पात्रा ने याद दिलाई 1998 की घटना

"गोली चले, लाशें बिछ जाएं, राहुल गांधी यही चाहते थे", संबित पात्रा ने याद दिलाई 1998 की घटना

संबित पात्रा ने कहा, "ये राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी और विपक्ष का जो बहुत बड़ा धड़ा है, ये चाहते हैं कि सड़कों पर लड़ाई हो, चाहते थे कि गोली चले, चाहते थे कि लाशें बिछ जाएं और लाशों पर बैठकर ये अपनी राजनीति चमकाएं और सवाल पूछें नरेंद्र मोदी जी से और सरकार से कि यह कैसे हुआ।"

"गोली चले, लाशें बिछ जाएं, राहुल गांधी यही चाहते थे", संबित पात्रा ने याद दिलाई 1998 की घटना- India TV Hindi "गोली चले, लाशें बिछ जाएं, राहुल गांधी यही चाहते थे", संबित पात्रा ने याद दिलाई 1998 की घटना

नई दिल्ली: पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के थोड़ी देर बाद ही भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा, "राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्प्रेंस में अपरीपक्वता का परिचय दिया और किसान बंधुओं के कंधे पर बंदूक रखकर रोटी सेकने की कोशिश की। राहुल गांधी ने एक बार फिर से किसानों के माध्यम से लोगों को भड़काने का प्रयत्न किया। ये वही राहुल गांधी हैं जो चंद दिन पहले कह रहे थे कि शहरों में आग लग जाएगी, स्लम्स में जाकर लड़ाई होगी। कहीं न कहीं जो व्यवस्था इस लड़ाई की राहुल गांधी ने की थी उसका खुलासा स्मृति ईरानी ने किया था।"

उन्होंने कहा, "आज ठीक उसी तरह राहुल गांधी ने धमकाया कि कोई पीछे नहीं हटेगा, बातचीत में हम विश्वास नहीं रखते, राहुल जी ये तो किसानों का आंदोलन है, उनका राजनीति से कोई सरोकार नहीं है तो आप उनके पैरोकार बनकर उनके माध्यम से बातचीत करने का जो प्रयास कर रहे हैं वह किस लिए कर रहे हैं यह अपरीपक्वता है।" 

संबित पात्रा ने कहा, "राहुल गांधी ने कहा कि भारत की सरकार किलाबंदी कर रही है, याद करिए 26 जनवरी के दिन जो घटना हिंदुस्तान में घटी, पूरे विश्व ने देखी और गलत बताया। आप लोगों ने सवाल उठाया कि दिल्ली की पुलिस रोकथाम क्यों नहीं कर रही थी। अन्य विपक्षी दल भी यही सवाल कर रहे थे। आज उसी दिल्ली पुलिस ने जब प्रिवेंटिव मेजर लिया है तो उसमें राहुल गांधी को क्या परेशानी है।"

उन्होंने कहा, "ये राहुल गांधी, कांग्रेस पार्टी और विपक्ष का जो बहुत बड़ा धड़ा है, ये चाहते है कि सड़कों पर लड़ाई हो, चाहते थे कि गोली चले, चाहते थे कि लाशें बिछ जाएं और लाशों पर बैठकर ये अपनी राजनीति चमकाएं और सवाल पूछें नरेंद्र मोदी जी से और सरकार से कि यह कैसे हुआ। हम दिल्ली पुलिस के जवानों को सेल्यूट करते हैं जो खुद घायल हो गए लेकिन एक गोली नहीं चलाई। उन्होंने देश को बचाने के लिए आज जो कदम उठाया है उसपर आप अभी से उंगली उठा रहे हैं।"

उन्होंने कहा, "जिस प्रकार के शब्दों का प्रयोग राहुल गांधी ने किया है वह अपने आप में निंदनीय है। कल कांग्रेस पार्टी की पंजाब इकाई ने घोषणा की 122 लोग जो गिरफ्तार हुए हैं हिंसा फैलाने के लिए उनको तुरंत रिहा किया जाए, उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की पंजाब और केंद्रीय इकाई उनको लीगल सहायता देंगे।" संबित पात्रा ने कहा, "26 जनवरी पर दंगे के दौरान तमाम कांग्रेस नेताओं ने कहा था कि उपद्रव फैलाने वाले भाजपा के नेता हैं ताकि किसानों का आंदोलन बदनाम हो जाए, आज जब वही हुड़दंगी गिरफ्तार हो रहे हैं तो आप कह रहे हैं कि रिहा कर दीजिए तभी बात होगी।"

उन्होंने कहा, "आपको क्यों पीड़ा हो रही है, आप तो इनको भाजपा का एजेंट बता रहे थे। अर्थात ये आपके ही लोग थे, जिनके लिए आप इतने चिंतित हैं और लीगल सहायता देना चाहते हैं।" उन्होंने कहा, "राहुल जी ने आज कहा कि यह सरकार किसानों को मारना चाहती है, यह सरकार सबका साथ सबका विकास और सबके विश्वास के मंत्र के आधार पर काम करती है, किसी को मारना यह सरकार नहीं चाहती। किसान, मजदूर, मजबूर, महिला सबके लिए सरकार काम करती है।"

संबित पात्रा ने कहा, "मारना क्या होता है इसका आर्टिकल लेकर मैं आया हूं, 1998 में मध्य प्रदेश में सरकार किसकी थी, कांग्रेस पार्टी की थी, अंधाधुंध गोली किसपर चली थी, किसानों की रैली पर चली थी, 28 किसान जलियांवाला बाग की तरह भून दिए गए थे, इसे मारना और रौंदना कहते हैं, किसानों की लाश पर आपने राजनीति की थी और आज आप हमारी सरकार पर झूठा भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।"

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