श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के समय एहतियात के तौर पर हिरासत में लिए गए नेताओं को हालात सामान्य होते देख अब रिहा किया जा रहा है। बुधवार को घाटी के दो बड़े नेताओं की रिहाई हुई है। जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कान्फ्रेंस के सज्जाद लोन और पीडीपी के वाहीद पारा को रिहा कर दिया गया है। दोनो नेताओं को अगस्त में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के समय हिरासत में लिया गया था। वाहीद जम्मू-कश्मीर राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के करीबी सहयोगी हैं। अधिकारियों ने बताया कि लोन और पारा की रिहाई के बाद अब कुल 13 नेता एहतियातन हिरासत में एमएलए होस्टल में बंद हैं।
एमएलए होस्टल को फिलहाल अस्थाई उपकारागार में तब्दील कर दिया गया है। लोन और पारा 180 दिन से भी ज्यादा वक्त तक हिरासत में रहने के बाद रिहा किये गये हैं। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने मंगलवार को दो नेताओं दक्षिण कश्मीर में वाची से पीडीपी के पूर्व विधायक एजाज अहमद मीर और व्यापारियों के नेता शकील अहमद कलंदर को रिहा किया था। कलंदर फेडरेशन चेम्बर ऑफ इंडस्ट्रीज, कश्मीर के अध्यक्ष रह चुके हैं।
रविवार से अभी तक आठ नेताओं को एहतियातन हिरासत से रिहा किया गया है। केन्द्र सरकार द्वारा पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 के ज्यादातर प्रावधानों को समाप्त किए जाने और राज्य को दो केन्द्र शासित प्रदेशों ‘जम्मू-कश्मीर और लद्दाख’ में बांटे जाने के बाद यहां तमाम नेताओं, कार्यकर्ताओं और व्यापारी नेताओं को हिरासत में लिया गया था। कई नेताओं की रिहाई के बाद भी, अभी नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारुक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला तथा पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती हिरासत में ही हैं।
इनपुट- भाषा
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