'शान के लिए बीफ खाने वालों को फांसी पर लटकाया जाना चाहिए'
गोवध और बीफ खाने को लेकर बढ़ती चर्चा के बीच विभिन्न हिंदू संगठनों की बैठक में भाग लेने आयी एक साध्वी ने यहां विवादास्पद बयान देते हुए कहा कि जो लोग बीफ खाने को शान की बात समझाते है उन्हें फांसी पर लटका देना चाहिए।
पणजी: गोवध और बीफ खाने को लेकर बढ़ती चर्चा के बीच विभिन्न हिंदू संगठनों की बैठक में भाग लेने आयी एक साध्वी ने यहां विवादास्पद बयान देते हुए कहा कि जो लोग बीफ खाने को शान की बात समझाते है उन्हें फांसी पर लटका देना चाहिए।
साध्वी सरस्वती की कल शाम यहां की गई इस टिप्पणी पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस ने कहा कि उनके भाषण से साम्प्रदायिक घृणा फैलेगी और उसने गोवा में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार से साध्वी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए कहा।
मध्य प्रदेश की साध्वी सरस्वती ने कहा, मैं भारत सरकार से अपील करती हूं कि जो लोग अपनी माता के मांस को खाना शान की बात समझाते हैं उन्हें फांसी पर लटका देना चाहिए।
उन्होंने यहां रामनाथी गांव में अखिल भारतीय हिंदू सम्मलेन के उद्घाटन के दौरान बीफ खाने के मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा, उन्हें (जो बीफ खाते हैं) जनता के सामने लाना चाहिए और फांसी पर लटका देना चाहिए तभी लोगों को पता चलेगा कि गो मातो की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में सनातन धर्म प्रचार सेवा समिति की अध्यक्ष साध्वी सरस्वती यह भी चाहती है कि हिंदू अपनी रक्षा करने के लिए अपने घरों में हथियार रखें।
उन्होंने कहा, आज भारत पर चौतरफा हमला किया जा रहा है। कश्मीर को भारत से अलग करने और अमरनाथ तीर्थयात्रा को रोकने के प्रयास किए जा रहे हैं। भारतमाता-गोमाता का अपमान किया जा रहा है।
हिंदू राष्ट्र बनाने का आह्वान करने वाले संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की कुछ राजनीतिक दलों की मांग की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें पता होना चाहिए कि देश में कोई भी ताकत हिंदुओं को हिंदू राष्ट्र बनाने से नहीं रोक सकती। उन्होंने कहा, भगवा आतंकवाद जैसी कोई बात नहीं है। भगवा का मतलब है राष्ट्र और धर्म के प्रति समर्पति जीवन।
सम्मेलन के आयोजकों ने कहा कि देश के 21 राज्यों और बांग्लादेश, श्रीलंका और नेपाल समेत अन्य देशों के करीब 130 हिंदू संगठन इस चार दिवसीय सम्मेलन में भाग ले रहे हैं।
सम्मेलन में दिए गए भाषणों के संदर्भ में अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के सचिव गिरीश चोडनकर ने इन पर मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व वाली राज्य सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए।
चोडनकर ने आरोप लगाया, सम्मेलन में साम्प्रदायिक नफरत फैलाने वाले बयान दिए गए। राज्य सरकार इस पर चुप्पी साधकर और इसे जारी रहने की अनुमति देकर पूरे कार्यक्रम में एक पार्टी बन गई है।
उन्होंने इस मुद्दे पर गोवा फॉरवर्ड पार्टी के नेता विजय सरदेसाई की चुप्पी पर भी सवाल उठाए। चोडनकर ने कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा के सहयोगी दल के नेता सरदेसाई ने पहले विहिप के इस दावे पर निशाना साधा था कि वह राज्य में बीफ पर प्रतिबंध लगाएगा। उन्होंने कहा था कि जो भी साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं उनसे सख्ती से निपटा जाएगा।
चोडनकर ने कहा, वह (सरदेसाई) हिंसा भड़काने वाले साध्वी के बयान पर चुप क्यों हैं? उन्होंने कहा कि सरकार को साध्वी के बयान पर स्वत: संज्ञाान लेना चाहिए और नफरत भरा भाषणे देने के लिए उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करानी चाहिए।