Sadhvi Pragya in Aap Ki Adalat : साध्वी प्रज्ञा ने कहा, 'मुझे जेल में 24 दिनों तक लगातार यातना दी गई'
मालेगांव ब्लास्ट आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ने नौ साल तक जेल में रहने के बाद बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश पर इस समय ज़मानत पर हैं। मालेगांव ब्लास्ट मामले में नाम आने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह सुर्खियों में आई थीं।
Sadhvi Pragya in Aap Ki Adalat LIVE Updates: मालेगांव ब्लास्ट आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ने नौ साल तक जेल में रहने के बाद बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश पर इस समय ज़मानत पर हैं। मालेगांव ब्लास्ट मामले में नाम आने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह सुर्खियों में आई थीं। उन्हें पिछले साल अप्रैल में बॉम्बे हाई कोर्ट ने मालेगांव ब्लास्ट केस में जमानत दे दी थी, लेकिन पिछले साल दिसम्बर में एन.आई.ए. स्पेशल कोर्ट ने साध्वी और अन्य आरोपियों को मामले में बरी करने की याचिकाओं को खारिज कर दिया था। नौ साल जेल में रहने के बाद साध्वी प्रज्ञा ने पहली बार इंडिया टीवी के शो आप की अदालत में रजत शर्मा के सवालों का सामना किया और बड़ी बेबाकी से अपनी बात रखी।
Sadhvi Pragya in Aap Ki Adalat LIVE Updates
- 2019 चुनाव में प्रचार तो मैं कर सकती हूं.. राष्ट्रधर्म के लिए, देश की समाजिक व्यवस्था के लिए जो भी अनिवार्य होगा वह बात मैं रखूंगा-साध्वी प्रज्ञा
- मोदी जी राष्ट्रभक्त हैं मैं जरूर उनका समर्थन करूंगी, देश में एक व्यक्ति ऐसा है जो कि विश्व जहां भी जाता है देश का मस्तक ऊंचा हो जाता है-साध्वी प्रज्ञा
- आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, ये षड्यंत्र विधर्मियों का है, व्यक्ति आतंकवादी हो सकता है लेकिन इसे धर्म या जाति से जोड़ना गलत है-साध्वी प्रज्ञा
- जब देश में नैतिकता का बोलबाला होगा, भ्रष्टाचार का खात्मा होगा उस दिन यह देश पूरी तरह से हिंदूवादी हो जाएगा -साध्वी प्रज्ञा
- स्वामी अग्निवेश को मैं ज्यादा नहीं जानती थी। मैं उन्हें ज्यादा जानती नहीं थी। वह भी षडयंत्र का एक भाग थे- साध्वी प्रज्ञा
- उन्होंने मुझे ऑफर दिया कि मैं पी. चिदम्बरम, सुशील शिन्दे से कह कर आपको जेल से रिहा करवा दूंगा, अगर आप आरोप स्वीकार कर लें। मैंने उनसे कहा, जाकर चिदम्बरम और शिन्दे को बता दीजिए कि अगर वो ईमानदारी से भी जांच करवा लें, तो मैं जेल के बाहर रहूंगी-साध्वी प्रज्ञा
- दिग्विजय सिंह को राष्ट्रवादियों से बहुत डर लगता है, हेमंत करकरे की हत्या के बाद भी वह कहते हैं कि उनकी हत्या भी हिंदू संगठनों ने की है, आतंकवादियों के घर जाकर वह पैसे देकर आ जाते हैं-साध्वी प्रज्ञा
- स्वामी असीमानंद बुजुर्ग व्यक्ति हैं और हो सकता है यातनाओं से तंग आकर वो टूट गए होंगे और जैसा जांच एजेंसियां चाहती थीं वैसा बयान दिलवा दिया गया-साध्वी प्रज्ञा
- स्त्री शरीर को जब यातना दी जाएगी तब वह जल्दी टूट जाएगी और उस समय लोग चाहते थे कि भगवा आतंकवाद सिद्ध हो जाएगा-साध्वी प्रज्ञा
- उन्होंने मुझे मिटाने की पूरी कोशिश की, मुझे तोड़ने की पूरी कोशिश की--साध्वी प्रज्ञा
- मैं संन्यासी हूं और मेरी आत्मा में जो राष्ट्रभक्ति है जो मेरी मां है वहां तक मैं तुम्हें नहीं पहुंचने दूंगी-साध्वी प्रज्ञा
- अकल्पनीय, अस्वभाविक और अप्राकृतिक था, मेरा किसी से संपर्क नहीं था--साध्वी प्रज्ञा
- मैंने कहा कि तुम मार डालो मुझे लेकिन मैं वो बात नहीं कहूंगा जो तुम मुझसे कहलवाना चाहते हो--साध्वी प्रज्ञा
- पिटाई के चलते मेरे फेफड़े की झिल्ली फट गई थी, मुझे पूरी तरह से बंद करके रखा गया था, किसी से मिलने की इजाजत नहीं थी-साध्वी प्रज्ञा
- हेमंत करकरे के ऑफिस में मुझे ले गए, मेरे शिष्य की बुरी तरह पिटाई कर रहे थे, फिर मेरे शिष्य को बोला कि तुम इसे मारो, मैंने उसे आदेश दिया कि मारो मुझे, फिर हम दोनों की पिटाई की गई-साध्वी प्रज्ञा
- पिटाई के बाद मुझे गालियां दी जाती थी, वो यह कहलवाना चाहते थे कि आरएसएस के लोगों के कहने पर मैंने ब्लास्ट किया-साध्वी प्रज्ञा
- 24 दिनों तक मेरी पिटाई की, मेरे पैर और हाथ काले पड़ जाते थे, मैं गिलास भी नहीं पकड़ पाती थी-साध्वी प्रज्ञा
- मुझे लगातार बेल्ट से पीटा जाता रहा, पीटने के बाद गरम नमक पानी डालते थे, मुझे भयानक यातनाएं दी गई-साध्वी प्रज्ञा
- मैं किसी भी मीटिंग में शामिल नहीं रही, 13 दिनों तक गैर-कानूनी तरीके से कालकोठरी में रखा, मुझे केवल पीटते थे, काफी बातें कहलवाना चाहते जो मैं कहना नहीं चाहती थी--साध्वी प्रज्ञा
- भगवा आतंकवाद तत्कालीन यूपीए सरकार का बड़ा षड्यंत्र था, मुझे इसका मुखिया बनाया गया-साध्वी प्रज्ञा
- दिग्विजय सिंह जी को मैं दिग्भ्रमी बोलती हूं क्योंकि उनकी दिशा कभी सही नहीं रही-साध्वी प्रज्ञा
- आदिगुरु शंकराचार्य ने मठों की स्थापना शास्त्र और देश की रक्षा के लिए की है-साध्वी प्रज्ञा
- हां ये सच है कि दुर्गा वाहिनी के जरिए मैं लड़कियों को शस्त्र चलाने की ट्रेनिंग देती थी, यह आत्मरक्षा के जरूरी है-साध्वी प्रज्ञा
- देशद्रोही ताकतें अगर सर उठाएंगे तो उनका वध करना हमारी परंपरा है.. देश में रहनेवाले प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है--साध्वी प्रज्ञा
- देशद्रोहियों, गुंडों, मवालियों के लिए मैं वैसी ही हूं जैसा लोग देखना पसंद करते हैं-साध्वी प्रज्ञा
- संन्यासी बन नहीं गए संन्यास हो जाता है.. आत्मकल्याणार्थ जीवन की एक दिशा संन्यास है-साध्वी प्रज्ञा