नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि न्यायाधीशों में से एक के चिकित्सकीय अवकाश पर होने के चलते, सबरीमला पर उसके आदेश को लेकर दायर पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई शायद 22 जनवरी से शुरू न हो सके। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा चिकित्सकीय कारणों से अवकाश पर हैं। वह सबरीमला मामले में फैसला सुनाने वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ में शामिल एक मात्र महिला न्यायाधीश हैं।
पीठ ने कहा, ‘‘न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा कुछ चिकित्सकीय कारणों से छुट्टी पर हैं।” इस पीठ में न्यायमूर्ति एल नागेशवर राव और न्यायमूर्ति एस के कौल भी हैं। पीठ ने कहा कि सुनवाई निर्धारित की गई तिथि यानि 22 जनवरी से शायद नहीं शुरू हो पाएगी।
यह बात पीठ ने तब कही जब वकील मैथ्यूज जे नेदुंपरा ने मामले का उल्लेख किया और पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई के सीधे प्रसारण की मांग की। इन याचिकाओं में सबरीमला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं को प्रवेश की अनुमति देने के उच्चतम न्यायालय के आदेश की समीक्षा की मांग की गई है।
उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल 28 सितंबर को मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर प्रतिबंध को लैंगिक भेदभाव बताया था और इसे हिंदू महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन करार दिया था।
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