Sabarimala Temple Row : मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर राजनीति तेज, लेफ्ट ने बताया बाबरी जैसा षडयंत्र
सबरीमाला मंदिर के प्रवेश द्वार पर सैकड़ों भक्तों के भारी विरोध की वजह से केरल पुलिस के सुरक्षा घेरे में जा रही दोनों महिलाओं को शुक्रवार को भगवान अयप्पा मंदिर की यात्रा से लौटने को मजबूर होना पड़ा।
नई दिल्ली: सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर अब राजीनति तेज हो गई है, लेफ्ट पार्टियों ने इसे बाबरी मस्जिद विध्वंस जैसा षडयंत्र बताया है, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने इसमें राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (RSS) का हाथ होने की बात कही है। सीताराम येचुरी ने कहा है जिस तरह से बाबरी मस्जिद विध्वंस हुआ था उसी तरह का तरीका यहां अपनाया जा रहा है।
मंदिर के प्रवेश द्वार पर सैकड़ों भक्तों के भारी विरोध की वजह से केरल पुलिस के सुरक्षा घेरे में जा रही दोनों महिलाओं को शुक्रवार को भगवान अयप्पा मंदिर की यात्रा से लौटने को मजबूर होना पड़ा। हैदराबाद की पत्रकार कविता अपने चार सहयोगियों और एक अन्य महिला भक्त रेहना फातिमा के साथ सुबह करीब 10.50 बजे कोच्चि से पंबा पहाड़ी पर स्थित मंदिर की अपनी यात्रा शुरू की। रेहन फातिमा कोच्चि की रहने वाली है।
सुबह करीब 6.45 बजे दोनों महिलाओं ने लगभग 100 पुलिसकर्मियों के सुरक्षा घेरे के साथ दो घंटे की चढ़ाई शुरू की थी। पुलिसकर्मियों की अगुवाई पुलिस महानिदेशक एस.श्रीजीत ने की। इस बीच दो महिलाओं के मंदिर पहुंचने की खबर सुनने के बाद मंदिर के तंत्री के लगभग 30 कर्मचारी अपना अनुष्ठान छोड़कर विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए और सीढ़ियों के सामने बैठ गए। ये सभी भगवान अयप्पा के मंत्र जपने लगे। जब समूह मंदिर के पहले प्रवेश बिंदु पर पहुंचा तो हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी सड़क पर लेट गए।
Sabarimala Temple Row Live Updates-सबरीमाला मंदिर में एंट्री करने की कोशिश कर रही ऐक्टिविस्ट रेहाना फातिमा के कोच्चि स्थित आवास में तोड़फोड़
-नहीं बन सका इतिहास, भगवान अयप्पा को दर्शन करने गई दोनों महिलाएं सबरीमाला मंदिर के बाहर से वापस लौटीं, महिला पत्रकार सहित एक और महिला ने भारी विरोध को देखते हुए वापस लौटने का फैसला किया है
-एहतियातन पुलिस ने महिला पत्रकार को हेलमेट पहनाया है ताकि मंदिर की ओर जाते वक्त प्रदर्शन में कोई अप्रिय घटना न हो
-सीताराम येचुरी ने कहा बाबरी मस्जिद विध्वंस जैसा तरीका यहां अपनाया जा रहा है
-सबरीमाला मंदिर के करीब 25 जूनियर पुजारी भगवान अयप्पा के पवित्र स्थल के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं
-देवासम बोर्ड के मंत्री कदमकपल्ली सुरेंद्रन ने कहा कि महिला श्रद्धालुओं को सुरक्षा देना अहम है, मगर मैं समझता हूं कि ये कार्यकर्ता हैं जो मंदिर में जाने की कोशिश कर रही हैं
-भगवान अयप्पा के दर्शन के लिए जा रहीं दोनों महिलाएं मंदिर से कुछ कदम की दूरी पर हैं, प्रदर्शनकारियों ने रास्ता रोक दिया है
-हैदराबाद मोजो टीवी की जर्नलिस्ट कविता जक्कल और ऐक्टिविस्ट रिहाना फातिमा आईजी एस श्रीजीत से मिलने पहुंचीं
-केरल सरकार ने सबरीमाला से ऐक्टिविस्ट और पुलिस दस्ते के लौटने का आग्रह किया है। सरकार का कहना है कि यह श्रद्धालुओं के लिए है, ऐक्टिविस्ट के लिए नहीं
-सबरीमालाः ऐक्टिविस्ट राहुल ईश्वर की जमानत याचिका पर कल सुनवाई होनी है। उन्हें 17 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था
-कड़ी सुरक्षा के बीच महिलाओं को सबरीमाला में एंट्री के लिए ले जाया रहा है। प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें पुलिस ने हेलमेट पहनाया हुआ है
-प्रदर्शनकारियों ने कहा कि 10 से 50 साल की महिलाएं मंदिर में प्रवेश नहीं करेंगी. हम यहां सबरीमाला की रक्षा के लिए है
-केरल के आईजी एस. श्रीजीत ने कहा-पुलिस सबरीमाला में कोई परेशानी नहीं खड़ी करेगी। हम श्रद्धालुओं के साथ किसी भी तरह का टकराव नहीं चाहते हैं, पुलिस केवल कानून का पालन कर रही है
-मंदिर के एंट्री पॉइंट पर पहुंचने वाली महिलाएं पत्रकार कविता जक्कल और रिहाना फातिमा हैं
-सबरीमाला मंदिर के एंट्री पॉइंट पर 2 महिलाएं पहुंच चुकी हैं, हालांकि प्रदर्शकारियों ने महिलाओं से वापस जाने की अपील की है
महिला पत्रकार ने अपने पेशेवर काम के सिलसिले में सबरीमला सन्निधानम जाने के लिए सुरक्षा देने का अनुरोध किया था। अभी तक शुक्रवार को भगवान अयप्पा मंदिर में माहवारी की उम्र वाली लड़कियों और महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रहे श्रद्धालुओं ने कोई प्रदर्शन नहीं किया है। महिला की उम्र लगभग 25 वर्ष है और अगर वह सबरीमला पहाड़ी पर चढ़ जाती है तो वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सबरीमला के भगवान अयप्पा मंदिर में जाने वाली माहवारी उम्र की पहली महिला होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर के अपने फैसले में मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश को अनुमति दे दी थी। बृहस्पतिवार को नयी दिल्ली की एक महिला पत्रकार को श्रद्धालुओं ने बीच रास्ते में रोक दिया था। अपने विदेशी पुरुष सहकर्मी के साथ गई पत्रकार विरोध बढ़ने के मद्देनजर मराकोट्टम इलाके से वापस लौट गई थी। उन श्रद्धालुओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है जिन्होंने महिला पत्रकार को कथित तौर पर चढ़ाई से रोका और उसे नीचे उतरने के लिए मजबूर किया।