सबरीमला (केरल): तमिलनाडु की 50 वर्ष से कम उम्र की एक महिला के सबरीमला पहाड़ी चढ़ने की अफवाह के बाद सन्नीधानम के पास भगवान अयप्पा के श्रद्धालुओं ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। मंदिर में रजस्वला आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ विरोध करने के लिए ‘वलिया नंदपंढाल’ में श्रद्धालुओं के बड़ी संख्या में एकत्रित होने के बाद इलाके में स्थिति तनावपूर्ण हो गई जहां धारा 144 लागू है।
हालांकि यह तनाव तब कम हुआ जब अपने परिवार के साथ आई महिला प्रदर्शनकारियों को यह समझाने में कामयाब रही कि उसकी उम्र 50 साल से ज्यादा है जिसके बाद वह दर्शन के लिए जा सकी। ’इरुमुदिकेट्टु’ ले जा रही महिला ने मंदिर पहुंच कर दर्शन करने के लिए कड़े सुरक्षा पहरे के बीच 18 सीढ़ियां चढ़ी। इस बीच पथनमथिट्टा के जिला अधिकारी पी बी नूह ने कहा कि सन्नीधानम में कोई तनाव नहीं था।
उन्होंने कहा, “एक महिला दर्शन के लिए आई। कुछ समाचार चैनलों ने उनका पीछा किया.... फिर भीड़ जमा हो गई...मामला बस इतना सा ही था।” कलेक्टर ने उन खबरों को “अफवाह” बताकर खारिज किया कि कुछ युवतियां मंदिर तक पहुंचने के लिए पहाड़ी चढ़ने की योजना बना रही हैं। नूह ने कहा, “सोशल मीडिया के जरिए कुछ अफवाहें फैलाई गईं। हमने उनकी पुष्टि का प्रयास किया....अब तक इस संबंध में किसी भी खबर की पुष्टि नहीं हुई है।”
सबरीमला मंदिर परिसर में शुक्रवार को नाटकीय घटनाक्रम और तनावपूर्ण माहौल देखने को मिला था जब दो महिलाएं भारी पुलिस पहरे के साथ पहाड़ी के शीर्ष पर पहुंच गई थीं लेकिन श्रद्धालुओं के व्यापक विरोध के बाद गर्भगृह पहुंचने से पहले ही उन्हें लौटना पड़ा। केरल में भगवान अयप्पा के श्रद्धालु उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद से सबरीमला मंदिर में रजस्वला आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रहे हैं। 17 अक्टूबर को पांच दिवसीय मासिक पूजा के लिए मंदिर को खोले जाने के बाद से उनका विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है।
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